भारतीय जनता पार्टी अगले लोकसभा चुनाव के प्रचार में किसानों को केंद्र में रखना चाहती है। भाजपा किसानों को खुश करने के साथ जातिगत संतुलन भी बनाये रखने में जुटी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों तक अपनी बात पहुँचाने की कमर कस चुके हैं। भाजपा युद्धस्तर पर तैयारियों में जुट गई है।
भारतीय जनता पार्टी किसानों को प्रभावित करने में जुट गई है। 11 जुलाई को पंजाब में मुक्तसर जिले के मलोट में “कृषि कल्याण रैली” आयोजित की जा रही है। मुक्तसर किसान आंदोलन का मुख्य केन्द्र रहा है, इसीलिए इसे चुना गया है। रैली में पंजाब और हरियाणा के 1 लाख से अधिक किसानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुनने को जुटाने का लक्ष्य रखा गया है, इसी तरह 21 जुलाई को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में “किसान कल्याण रैली” आयोजित की जायेगी, इसे भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे।
अमित शाह के दौरे के तत्काल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तर प्रदेश का कार्यक्रम जारी कर दिया गया। यूपी में आयोजित होने वाली सभी रैलियों का मुख्य दायित्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय को सौंपा गया है। प्रदेश अध्यक्ष ने 21 जुलाई को शाहजहांपुर में आयोजित होने वाली “किसान कल्याण रैली” का प्रभारी प्रदेश उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम खंडेलवाल एवं प्रदेश उपाध्यक्ष वीएल वर्मा को बनाया है।
भाजपा गहन मंथन के बाद निर्णय ले रही है। ब्रज क्षेत्र में बरेली, शाहजहांपुर, पीलीभीत और बदायूं के किसान गन्ना बड़ी संख्या में बोते हैं, पिछला अनुभव किसानों का बहुत अच्छा नहीं रहा। गन्ना किसानों के असंतोष की भनक प्रधानमंत्री तक संभवतः पहुंच गई है, साथ ही इस क्षेत्र में लोधे भी बड़ी संख्या में हैं। कल्याण सिंह के पिछले बयान के चलते वीएल वर्मा को रैली का प्रभारी बनाया गया है, साथ ही वीएल वर्मा ब्रज क्षेत्र के निवर्तमान अध्यक्ष हैं, जो पिछले चुनाव में लकी साबित हो चुके हैं। रैली की सफलता को लेकर भाजपा के कई बड़े नेता आज शाहजहाँपुर में योजना बनाने पहुंच गये हैं।
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