शाहजहाँपुर के कुख्यात कथित संत चिन्मयानंद को लेकर गुरूवार को लखनऊ में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जोरदार हमला बोला, उन्होंने प्रेस वार्ता के दौरान ही चिन्मयानंद की कलंक लीला के वीडियो भी प्ले कर दिए, इसी तरह दिल्ली में कांग्रेस की ओर से सुप्रिया श्रीनेत और शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भाजपा और सरकार को कठघरे में खड़ा किया।
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उधर निष्पक्ष नजर आ रही एसआईटी ने बुधवार को स्पष्ट कर दिया कि वह वीडियो की तकनीकी रिपोर्ट आने से पहले कुछ नहीं कर पायेगी, साथ ही कहा कि वह न्यायालय के प्रति प्रतिबद्ध है। न्यायालय के निर्देशानुसार ही अग्रिम कार्रवाई करेगी लेकिन, अभी तक टीम ने चिन्मयानंद के परिजन अमित सिंह से पूछ-ताछ करना भी उचित नहीं समझा है। पीड़िता को लॉ कॉलेज से स्कूटी दिलाई गई थी। चिन्मयानंद का परिजन अमित सिंह लॉ कॉलेज में कैशियर है। हालाँकि टीम जानकारी लेने एजेंसी पर गई थी, जहाँ 11 हजार रुपया अभी बकाया बताया जा रहा है। प्राचार्य के साथ अमित सिंह को भी सह-आरोपी बनाना इसलिए जरूरी माना जा रहा है कि छात्राओं को चिन्मयानंद तक पहुँचाने में यही सब मुख्य भूमिका निभाते हैं। अमित सिंह की बहन ज्योति सिंह भी संस्कृत विद्यालय में नियुक्त की गई है, जिसकी नियुक्ति में धांधली बताई जाती है, साथ ही वह लखनऊ में रहती है पर, वेतन आहरित होता रहता है।
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चिन्मयानंद को पुलिस-प्रशासन का सहयोग लगातार मिल रहा है। बीमारी के बहाने चिन्मयानंद मेडिकल कॉलेज में भर्ती हो गया है, जहाँ उससे मिलने गुरूवार को डीएम गये। डीएम के पहुंचने से पहले मीडिया कर्मियों को हटा दिया गया। दो दिन पहले चिन्मयानंद ने हार्ट अटैक की अफवाह फैलाई थी। डॉक्टर की टीम ने गहन जाँच की थी। जांच में पाया गया था कि आरोपी चिन्मयानंद की सुगर बढ़ी गई है, जिससे लूज मोशन हो गये, इससे धड़कन बढ़ गई और इसीलिए दर्द का अहसास होने लगा। हार्ट अटैक की संभावना भी नहीं पाई गई थी।
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पीड़िता की न्याय की उम्मीद टूटने लगी है, उसने तमाम तरह की आशंकायें जताई हैं, साथ ही वह इलाहबाद में वरिष्ठ अधिवक्ताओं से जानकारी कर अग्रिम कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। बताया जा रहा है कि एसआईटी 23 सितंबर को न्यायालय में आख्या सौंपेगी, जिसका अवलोकन करने के बाद न्यायालय अग्रिम कार्रवाई करने का दिशा-निर्देश देगा। हालाँकि एसआईटी अभी भी लोगों से पूछ-ताछ कर रही है।
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उल्लेखनीय है कि शाहजहांपुर की एक छात्रा ने एक वीडियो क्लिप के द्वारा चिन्मयानंद पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। वीडियो में छात्रा ने अपने और अपने परिवार पर खतरा होने की बात कही थी, जिसके आधार पर छात्रा के पिता ने 27 अगस्त को शाहजहांपुर स्थित चौक कोतवाली में चिन्मयानंद के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने उच्च स्तरीय दबाव के बाद मुकदमा दर्ज किया था।
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उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ताओं ने मुख्य न्यायाधीश से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था, जिसके बाद न्यायाधीश आर. भानुमति और ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने सुनवाई शुरू कर दी। छात्रा राजस्थान में पाई गई, जिसे न्यायालय ने अपने पास बुलवा लिया और दिल्ली पुलिस की अभिरक्षा में दे दिया। सुनवाई के बाद न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया था कि वह आरोपी पूर्व गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद की जांच करने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करे। एसआईटी का नेतृत्व आईजी स्तर का अधिकारी करे, जिसकी निगरानी उच्चतम न्यायालय करे, साथ ही छात्रा और उसके भाई का नामांकन अन्य संस्थान में कराये।
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न्यायालय के आदेश पर गठित की गई योग्य अफसरों की टीम शाहजहाँपुर में जाकर विवेचना करने में जुट गई, इस बीच शाहजहाँपुर में पीड़ित छात्रा की ओर से एक दर्जन से अधिक वीडियो वायरल हो गये, जिनमें कुख्यात कथित संत चिन्मयानंद की पीड़ित छात्रा तेल से मालिश करती नजर आ रही है। निर्वस्त्र चिन्मयानंद छात्रा से अश्लील बातें करते हुए भी दिख रहा है, इसी तरह एक वीडियो और वायरल हुआ, जिसमें कई लड़के और छात्रा चलती गाड़ी में रूपये मांगने और मैसेज भेजने की चर्चा करते नजर आ रहे हैं, इसी वीडियो को लेकर चिन्मयानंद और उसके कथित समर्थक उत्साहित हो उठे थे लेकिन, वे यह भूल ही गये थे कि चिन्मयानंद संत है, वह स्त्री के संपर्क में आने की कल्पना भी नहीं कर सकता।
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चिन्मयानंद ने एक और घृणित कार्य करा दिया। हॉस्टल के जिस कमरे में पीड़ित छात्रा रहती थी, उसमें एसआईटी के पहुंचने से पहले ऐसी-ऐसी वस्तुयें रखवा दी, जिन्हें देखने से एसआईटी और समाज छात्रा को चरित्रहीन समझे। एसआईटी चिन्मयानंद के षड्यंत्र से भ्रमित नहीं हुई, वह विवेचना में जुटी रही। पिछले गुरुवार की रात चिन्मयानंद से पूछ-ताछ की तो, वह समझ गया कि उसका बचना अब मुश्किल है, सो शुक्रवार की सुबह हरिद्वार भागने की तैयारी करने लगा था पर, सक्रिय टीम ने उसे भागने नहीं दिया। हाल-फिलहाल चिन्मयानंद के मोबाइल जब्त कर लिए गये हैं और उसके कहीं भी जाने पर रोक है, इस फजीहत से बचने के लिए वह मेडिकल कॉलेज में भर्ती हो गया है।
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