बदायूं लोकसभा क्षेत्र के सांसद धर्मेन्द्र यादव के सामने भाजपाइयों की हर रणनीति असफल हो जाती है। जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी कब्जाने का सपना देख रहे भाजपाई सदस्य तक को नहीं जिताये पाये, जबकि राज्यमंत्री गुलाबो देवी की बेटी को जिताने के लिए भाजपाइयों ने हर हथकंडा अपनाया था।
संभल जिले में जिला पंचायत के पवांसा आरक्षित वार्ड संख्या 11 से राज्यमंत्री गुलाबो देवी ने जिला पंचायत सदस्य से त्याग पत्र दिलवा दिया था और यहाँ से अपनी बेटी साक्षी सिंह को प्रत्याशी बना दिया था। साक्षी सिंह के जीतने पर भाजपा जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी छीनने का सपना देख रही थी, इसलिए गुलाबो देवी ने चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी। राज्यमंत्री गुलाबो देवी पर प्रधानों को धमकाने तक का आरोप लगा।
समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सांसद धर्मेन्द्र यादव को जमीनी स्थिति से अवगत कराया तो, वे स्वयं मैदान में उतर पड़े और क्षेत्र में जाकर आम जनता से किसी भी तरह के दबाव में न आने का आह्वान किया। उन्होंने यादवों, दलितों और मुस्लिमों को सपा प्रत्याशी पुष्पा देवी के पक्ष में एकजुट कर दिया। राज्यमंत्री गुलाबो देवी की बेटी साक्षी सिंह को खजूर और सपा प्रत्याशी पुष्पा सिंह को कुल्हाड़ी चुनाव चिन्ह मिला था। सांसद धर्मेन्द्र यादव ने चुनावी सभा में कहा था कि किसी तरह के दबाव में न आयें और कुल्हाड़ी से खजूर को बेहिचक काट दें।
25 अगस्त को चुनाव हुआ तो, चुनाव के दिन जगह-जगह झड़प हुई, कई बूथों पर तांडव हुआ लेकिन, धर्मेन्द्र यादव के आह्वान पर मतदाताओं ने हर बाधा को पारकर वोट डाला। मंगलवार को मतगणना हुई तो, खुलासा हुआ कि मतदताओं ने खजूर को काट डाला। बेटी साक्षी सिंह के हारने से प्रदेश भर में राज्यमंत्री गुलाबो देवी की फजीहत हुई है।
यह भी बता दें कि बदायूं जिले में भाजपाइयों ने सपा की जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चंद्रा को हटाने का प्रयास किया था लेकिन, सांसद धर्मेन्द्र यादव के सामने भाजपाइयों की रणनीति फेल हो गई थी, इसी तरह संभल जिले में सोनम देवी सपा की जिला पंचायत अध्यक्ष हैं, जिन्हें भाजपाई साक्षी सिंह को जिताने के बाद हटाने का प्रयास करते।
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