बदायूं स्थित जिला कारागार के बंदी अंकित गुप्ता की मौत का प्रकरण थम नहीं पा रहा है। परिजनों के साथ आम जनता में भी आक्रोश बढ़ता जा रहा है। लापरवाह और भ्रष्ट जेल प्रशासन के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर लोगों ने कैंडल मार्च भी निकाला।
उल्लेखनीय है कि कस्बा वजीरगंज निवासी अंकित गुप्ता को पुलिस ने सट्टा कराने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा था एवं पुलिस ने अंकित के विरुद्ध गैंग्स्टर के अंतर्गत भी कार्रवाई की थी। अंकित लीवर संबंधी बीमारी से पहले से ही ग्रस्त था, साथ ही उसकी टांग में रॉड भी पड़ी थी। जिला अस्पताल में उपचार के दौरान 23 अक्टूबर को उसका निधन हो गया। अंकित की मौत के बाद परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया था।
यह भी बता दें कि मृतक के परिजनों को एक पत्र मिला था, जिसमें लिखा था कि अंकित की हालत बेहद गंभीर है, उसे जेल से बाहर अस्पताल में शीघ्र भर्ती करा लिया जाये और बाहर रेफर कराने के लिए जेल प्रशासन रूपये लेता है, उसका भी इंतजाम शीघ्र कर लिया जाये, इस पत्र के मिलने के बाद परिजन रुपयों का इंतजाम करने में जुटे थे, इस बीच अंकित की तबियत और ज्यादा खराब हो गई, जिसके चलते उसकी मृत्यु गई।
अधिवक्ता प्रणब मिश्रा ने जेल प्रशासन पर अंकित की हत्या का आरोप लगाया था, उनका कहना है कि न्यायालय ने जेल प्रशासन को अंकित का उपचार कराने का आदेश दिया, लेकिन भ्रष्टाचार के चलते जेल प्रशासन ने अंकित का उपचार नहीं कराया, इस प्रकरण को लेकर लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। बीती रात कस्बा वजीरगंज में परिजनों के साथ तमाम लोगों ने कैंडल मार्च निकाला और सरकार से भ्रष्ट जेल प्रशासन के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई कराने की मांग की, साथ ही अंकित की आत्मा के लिए शांति की प्रार्थना की।
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