उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार से त्याग पत्र देकर समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य रायबरेली जिले में डलमऊ क्षेत्र के बाद कुशीनगर जिले के पड़रौना क्षेत्र से विधायक चुने जाते हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य का कार्यक्षेत्र भले ही डलमऊ और पड़रौना हो पर, वे प्रतापगढ़ जिले के मूल निवासी हैं।
प्रतापगढ़ जिले में चकवड़ निवासी बदलू मौर्य के घर 2 जनवरी 1954 को स्वामी प्रसाद मौर्य का जन्म हुआ था। शिव मौर्य उनकी पत्नी हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमए के साथ लॉ स्नातक की डिग्री ली है। उन्होंने राजनैतिक पारी की शुरुआत राष्ट्रीय लोकदल से की थी। 1980 में लोकदल की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य बने और जून 1981 से 89 तक महामंत्री रहे। 1989 से 1991 तक राष्ट्रीय लोकदल के सचिव भी रहे, इसके बाद वे जनता दल में चले गये और 1991 से 1995 तक जनता दल के महासचिव रहे। उन्होंने 2 जनवरी 1996 को बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी और फिर प्रदेश महासचिव और प्रदेश अध्यक्ष भी बने।
स्वामी प्रसाद मौर्य बसपा से 1996 में रायबरेली जिले के डलमऊ विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गये थे। मई 2002 से अगस्त 2003 तक मंत्री रहे। अगस्त 2003 से बसपा के नेता प्रतिपक्ष रहे। 2007 से 2009 तक बसपा सरकार में मंत्री रहे, इसके बाद उन्होंने 2009 में कुशीनगर लोकसभा क्षेत्र से बसपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, उन्हें हार का सामना करना पड़ा। कुंवर आरपीएन सिंह ने सांसद बनने के बाद पड़रौना विधानसभा क्षेत्र से त्याग पत्र दे दिया, यहाँ 2009 में उप-चुनाव हुआ तो, स्वामी प्रसाद मौर्य विजयी हुए, फिर 2012 में भी जीते।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा का साथ छोड़कर 8 अगस्त 2016 को भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी और 2017 में पड़रौना विधान सभा क्षेत्र से जीत की हैट्रिक भी लगाई, जिसके बाद उन्हें भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया। उनकी बेटी डॉ. संघमित्रा मौर्य बदायूं जिले से भाजपा सांसद हैं, वे समाजवादी पार्टी के धर्मेन्द्र यादव को हरा कर विजयी हुई हैं। अब स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी में चले गये हैं, वहीं उनकी बेटी डॉ. संघमित्रा मौर्य भाजपा की सांसद हैं और धर्मेन्द्र यादव ने उच्च न्यायालय में उनके निर्वाचन को चुनौती दे रखी है।
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