भारत में आत्म हत्याओं को लेकर कई तरह के तर्क दिए जाते रहे हैं पर, जिस तरह से वारदातें बढ़ रही हैं, उन्हें देखते हुए कहा जा सकता है कि आत्म हत्या करने का कोई सटीक कारण नहीं होता। हर तरह के हालातों में रहने वाले लोग आत्म हत्या करते नजर आ रहे हैं। बर्बाद हुए किसान, कर्जदार ही नहीं बल्कि, बॉलीवुड में भी आत्म हत्या की वारदातें हो चुकी हैं। आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, सिपाही और व्यापारी भी आत्म हत्यायें कर चुके हैं।
उत्तर प्रदेश के जिला ललितपुर में तैनात उप-जिलाधिकारी हेमेंद्र कुमार ने होमगार्ड की राइफल से गोली मारकर आत्म हत्या कर ली। आत्म हत्या करने के कारणों का पता नहीं चल सका है। मृतक उप-जिलाधिकारी हेमेंद्र कुमार की पत्नी पिंकी कांडपाल काम का दबाव बता रही है, उनका कहना है कि नींद की गोली खाकर सोते थे। बताया जाता है कि मृतक का बेटा मानसिक रूप से बीमार है, उसकी हर महीने काउंसिलिंग होती है, इसको लेकर भी वे परेशान रहते थे और मुरादाबाद तबादला कराना चाहते थे।
उधर गली नंबर- 21, अशोक नगर, शाहदरा दिल्ली में रहने वाले राम नरेश की बेटी शिल्पा ठाकुर उर्फ शिल्पू डीयू मेट्रो स्टेशन के नजदीक मॉल अपार्टमेंट के सर्वेंट क्वार्टर में किराए पर रहती थी। शिल्पा यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी कर रही थी। परिवार के साथ पढ़ाई नहीं कर सकती थी, जिससे वह परिवार से अलग रहती थी। परिजनों का कहना है कि इतनी ज्यादा पढ़ाई करती थी कि वह अक्सर कॉल रिसीव नहीं करती थी। चार दिन फोन नहीं उठा तो, उन्हें लगा कि पढ़ाई में बहुत ज्यादा व्यस्त है।
शनिवार को मंगोलपुरी में रहने वाली सहेली शिल्पा से मिलने आई, उसने दरवाजा बंद देखा और अंदर आती दुर्गंध महसूस की तो, उसने झांक कर देखा। अंदर शव देखकर उसके होश उड़ गये, उसकी सूचना पर ही पुलिस आई। शिल्पा यूपीएससी की परीक्षा तीन बार दे चुकी थी, उसने सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें लिखा है कि मम्मी-पापा मुझे माफ करना, मैं आपका सपना पूरा नहीं कर पाई।
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