बदायूं जिले के जरीफनगर निवासी मृतक ब्रजपाल शाक्य के परिजन अब तक हुई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। मृतक की पत्नी की हालत लगातार बिगड़ रही है, निजी डॉक्टर उपचार कर रहे हैं। परिजनों ने मुकदमा दर्ज न होने पर भूख हड़ताल की चेतावनी दी है, वहीं धर्मेन्द्र यादव प्रकरण को लगातार उठा रहे हैं और प्रदेश सरकार से मृतक को न्याय देने की मांग कर रहे हैं।
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मृतक ब्रजपाल शाक्य के भाई का कहना है कि वे अब तक हुई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं, उन्हें जांच के नाम पर उलझाया जा रहा है। न मुकदमा दर्ज हुआ है और न ही आश्रितों को उचित मुआवजा दिया गया है। भाई का कहना है कि परिवार के साथ वे तहसील मुख्यालय पर धरना देंगे, वहीं पति के गम में मृतक की पत्नी की हालत लगातार बिगड़ रही है। पीड़िता का निजी डॉक्टर उपचार कर रहे हैं लेकिन, प्रशासन को कोई चिंता नहीं है।
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उधर धर्मेन्द्र यादव ब्रजपाल शाक्य की मौत के प्रकरण को लगातार उठा रहे हैं, वे फेसबुक, ट्वीटर पर मुद्दा उठा रहे हैं, वहीं सभाओं में भी उल्लेख रहे हैं, उनके आह्वान पर दिल्ली और प्रदेश भर में प्रदर्शन भी किये गये हैं। यह भी बता दें कि धर्मेन्द्र यादव मृतक के परिवार से मिल कर सांत्वना दे चुके हैं एवं पचास हजार रूपये से मदद भी कर चुके हैं। डॉ. नवलकिशोर शाक्य ने पचास हजार रूपये देकर बेटे की पढ़ाई का खर्च उठाने का वचन दिया था। शुक्रवार को अखिल भारतीय मौर्य महासभा ने भी ब्रजपाल शाक्य के घर जाकर 20563 रूपये का चेक दिया था। हालाँकि भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य भी परिजनों से मिल चुकी हैं लेकिन, उन्होंने सिर्फ सहायता का आश्वासन ही दिया था।
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उल्लेखनीय है कि गाँव जरीफनगर निवासी ब्रजपाल शाक्य पर दुकान में बिजली चोरी करने का मुकदमा दर्ज कराया गया था, साथ ही 81 हजार 947 रूपये का जुर्माना लगाया गया था। जुर्माना जमा न हो पाने के कारण ब्रजपाल के नाम 3 नवंबर 2018 को आरसी जारी कर दी गई थी। 23 सितंबर को तहसील प्रशासन ने ब्रजपाल को गिरफ्तार कर हवालात में बंद कर दिया था।
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हवालात में बंद ब्रजपाल की 3 सितंबर को मंजन करते समय हालत बिगड़ गई थी। सूचना मिलने पर तहसीलदार ब्रजपाल का नाटक बताते रहे। हालात गंभीर होने पर प्रशासन ने सुध ली पर, चाबी न मिलने के कारण काफी देर तक अफरा-तफरी मची रही। हवालात का ताला ईंटों से तोड़ा गया, जिसके बाद ब्रजपाल को सीएचसी लाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद ब्रजपाल को जिला मुख्यालय के लिए रेफर कर दिया गया पर, ब्रजपाल ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया था।
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