बदायूं के चर्चित मोना प्रकरण में न्यायालय ने पुलिस कर्मियों पर शिकंजा कस दिया है। लंबी सुनवाई और बहस के बाद न्यायालय ने सदर कोतवाली में तैनात रहे लोकेन्द्र पाल सिंह, कई सब-इंस्पेक्टर और सिपाहियों को तलब कर लिया है। अगली सुनवाई की तिथि 19 मार्च तय की गई है।
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उल्लेखनीय है कि वैभव लॉन में 22 अप्रैल 2017 की रात में एक कॉकटेल पार्टी आयोजित की गई थी, जिसमें से पुष्पांशु शर्मा “मोना” को सदर कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया था, इसके बाद ठेकेदार कमलकांत शर्मा को रिश्वत देने के प्रयास में गिरफ्तार किया गया था। पिता-पुत्र का चालान कर दिया गया था।
उक्त प्रकरण में पुष्पांशु ने पुलिस कर्मियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में वाद दायर किया था। उस समय के कोतवाल लोकेन्द्र पाल सिंह पर उस समय के सपा विधायक आशुतोष मौर्य “राजू” के साथ अश्लील नृत्य करने का आरोप लगाया है, जिसका विरोध करने पर लोकेन्द्र और उनके साथी पुलिस कर्मियों ने फर्जी तरीके से पिता-पुत्र को फंसा दिया।
न्यायालय ने लंबी सुनवाई और बहस के बाद लोकेन्द्र पाल सिंह, एसआई सुधाकर सिंह, एसआई परवेन्द्र सिंह, एसआई पुष्पेन्द्र सिंह और सिपाही विक्रांत सिंह को धारा- 218, 220, 120बी और 409 आईपीसी के अंतर्गत तलब किया है, साथ ही चालक पुष्पेन्द्र सिंह को धारा- 294, 510 आईपीसी के अंतर्गत तलब किया गया है। सुनवाई की अगली तिथि 19 मार्च तय की गई है।
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