बदायूं शहर में अंडर ग्राउंड केबिल हादसों के चलते चर्चा का विषय बनी हुई है। केबिल की चपेट में आकर गाय, भैंस, बंदर और घोड़ा मर चुके हैं। कई मोहल्लों में करेंट दौड़ रहा है। बच्चों को लेकर अभिवावक बेहद चिंतित नजर आ रहे हैं। पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा अंडर ग्राउंड केबिल को लेकर एक बार फिर सामने आ गये हैं।
अंडर ग्राउंड केबिल को लेकर आबिद रजा ने बयान जारी किया है, उनका कहना है कि काश! जनता 2016 में अंडर ग्राउंड केबिल को लेकर किये गये विरोध में मेरा साथ देती तो, आज शहर की जनता को यह दिन नहीं देखने पड़ते, अंडर ग्राउंड केबिल पड़ने से शहर के लोग बारूद के ढेर पर हैं, किसी भी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है। उनका कहना है कि वर्ष- 2016 में जब अंडरग्राउंड केबिल पड़ रही थी, उन्हें तभी अहसास था कि भविष्य में शहर की जनता को नुकसान होगा, इसलिए उन्होंने अंडर ग्राउंड केबिल का पुरजोर विरोध किया थी, जिसकी उन्हें सजा मिली थी, पार्टी से निलंबित हुए थे, अपरहण के झूठे मुकदमे में फंसाया गया था पर, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी थी।
आबिद रजा का कहना है कि अब हादसों के बाद शहर की जनता को महसूस हो रहा है कि अंडर ग्राउंड केबिल का विरोध आबिद रजा ठीक कर रहे थे, उनके अलावा किसी राजनैतिक पार्टी के किसी नेता ने इसका विरोध नहीं किया था। उन्होंने हमेशा जनहित के मुद्दों पर आवाज उठाई है। चाहे उन्हें कितना ही नुकसान झेलना पड़ा हो, इसकी कभी परवाह नहीं की। उनका कहना है कि अंडर ग्राउंड केबिल का विरोध करने पर उनके द्वारा दी गई कुर्बानी को शहर के लोग हमेशा याद रखेंगे।
आगे कहा कि वर्ष- 2016 में अंडर ग्राउंड केबिल के विरुद्ध उच्च न्यायालय में याचिका दायर भी की थी, अब फिर महसूस हो रहा है कि अंडर ग्राउंड केबिल के विरुद्ध एक बार फिर न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा, क्योंकि मीडिया द्वारा अंडर ग्राउंड केबिल की गुणवत्ता पर सवाल उठाए जाने के बावजूद व्यवस्था ठीक नहीं की जा रही है, उन्होंने आह्वान किया कि गुणवत्ता के विरोध में जनता को सड़क पर उतर कर विरोध करना चाहिए, इसके लिए वे भी आंदोलन की रणनीति तैयार करेंगे।
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