बदायूं जिले की पुलिस खुलेआम गुंडई करने वाले छिछोरे वन दारोगा पर कड़ा शिकंजा नहीं कस पा रही है। नामजद मुकदमा दर्ज होने के बावजूद विभाग ने भी आरोपी दारोगा को अभी तक निलंबित नहीं किया है।
बताते हैं कि कस्बा उझानी के मोहल्ला अयोध्यागंज का निवासी अंकेश शर्मा मृतक आश्रित के रूप में वन विभाग में दारोगा है और दातागंज तहसील क्षेत्र में तैनात है। अंकेश सीतापुर जिले के एक प्रतिष्ठित परिवार की लड़की से विवाह करना चाहता है, लड़की के परिजन विवाह करने को तैयार हो गये, तो दहेज में मोटी रकम मांगने लगा। लड़की के परिजन दहेज देने की स्थिति में नहीं थे, उन्होंने असमर्थता भी जता दी, तो अंकेश ने दहेज के बिना विवाह करने से मना कर दिया। बताते हैं कि लड़की के परिजनों ने बदायूं के एक प्रतिष्ठित परिवार में रिश्ता तय कर दिया। अंगूठी पहनाने की भी रस्म हो गई, दोनों परिवार खुश थे और विवाह की तिथि तय करने में जुटे थे, इस बीच वन दारोगा अंकेश ने किसी तरह मोबाईल नंबर का पता लगा कर उस लड़के से लड़की के संबंध में निंदनीय बातें कीं, जिससे रिश्ता तय हो गया था। छिछोरे अंकेश की बातों से लड़के के मन में लड़की को लेकर भाव गलत नहीं आया, पर लड़के के प्रतिष्ठित परिवार ने निर्णय लिया कि किसी भी तरह के झमेले में पड़ने की जगह रिश्ता न करना ही उचित रहेगा।
बदायूं से रिश्ता टूटने और रिश्ता टूटने का कारण पता चला, तो लड़की के परिजन सीतापुर से आये और अंकेश से आग्रह करने गये कि दहेज के बिना शादी करने को तैयार नहीं हो, फिर और कहीं भी क्यों नहीं करने दे रहे, इस पर लज्जित होने की जगह अंकेश ने लड़की के परिजनों पर हमला कर दिया। लड़की के परिजनों को न सिर्फ गालियाँ दीं, बल्कि उन्हें वाइपर से दौड़ा-दौड़ा कर पीटा भी।
पीड़ित पक्ष कोतवाली उझानी में गया, तो पुलिस ने वन दारोगा के प्रभाव में आकर कार्रवाई नहीं की। पीड़ित वरिष्ठ अफसरों से मिला, तो अफसरों के निर्देश पर मुकदमा दर्ज हो गया, लेकिन लड़की का चरित्र हनन करने के बावजूद अंकेश पर यौन उत्पीड़न की धारा नहीं लगाई गई, साथ ही नामजद मुकदमा दर्ज होने के बावजूद वन विभाग ने भी छिछोरे अंकेश शर्मा को अभी तक निलंबित नहीं किया है।
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