बदायूं जिले के थाना उघैती में तैनात एसओ प्रमेन्द्र कुमार की ताकत के आगे यौन उत्पीड़न की शिकार विधवा असहाय महसूस कर रही है। प्रतिष्ठित ब्राह्मण परिवार की पीड़ित विधवा अफसरों के कार्यालयों के चक्कर लगा रही है लेकिन, अभी तक उसका मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। पीड़िता अपने अपमान का बदला लेने के लिए किसी भी स्तर तक जाने को तैयार है।
उल्लेखनीय है कि उघैती थाना क्षेत्र के गाँव सैदपुर (बदला हुआ नाम) निवासी एक युवक की मुरादाबाद जिले में हादसे के चलते मृत्यु हो गई थी। मृतक की पत्नी ने मुआवजा के लिए मुरादाबाद जिले में मुकदमा दायर कर रखा है। पड़ोसी गाँव का एक युवक मुरादाबाद स्थित श्रम विभाग के कार्यालय में बाबू है, उसने पीड़ित विधवा को पड़ोसी गाँव का होने के चलते विश्वास में ले लिया और आश्वस्त कर दिया कि वह परेशान न हो, वह पैरवी कर मुआवजा दिला देगा। बाबू ने विधवा का मोबाइल नंबर ले लिया और मुकदमा को लेकर बीच-बीच में बात करता रहा।
आरोप है कि बाबू कुछ दिनों के बाद हद पार करने लगा और विधवा से अश्लील बातें करने लगा। विधवा पर मिलने का दबाव बनाने लगा। विधवा ने मुरादाबाद आने से मना कर दिया तो, बाबू 9 जून की शाम को शराब के नशे में धुत होकर विधवा के घर आ धमका। आरोप है कि विधवा के परिजन मैंथा का तेल निकलवाने गये थे, जिससे महिला घर में अकेली थी। बाबू ने महिला से अश्लील बातें करते हुए महिला को बाँहों में भर लिया और फिर बिस्तर पर गिरा लिया। बाबू के शिकंजे में फंसी महिला ने शोर मचाया तो, मोहल्ले के लोगों ने आकर बचाया और बाबू की पिटाई भी लगाई। लोगों ने यूपी- 100 को कॉल कर बुला लिया और आरोपी को पुलिस के हवाले कर दिया। यूपी- 100 ने आरोपी थाना पुलिस के हवाले कर दिया लेकिन, कार्रवाई करने की जगह थाना पुलिस पूरे प्रकरण को ही दबाने में जुट गई। थाना पुलिस ने नशे में धुत आरोपी का मेडिकल परीक्षण नहीं कराया और न ही मुकदमा दर्ज किया।
चार दिन तक एसओ प्रमेन्द्र कुमार आरोपी को व्यक्तिगत रूप से बंधक बनाये रहे और पीड़िता पर दो लाख रूपये लेकर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाते रहे। पीड़िता नहीं मानी तो, अंत में एसओ ने पीड़िता को पांच लाख रूपये का ऑफर दे दिया। पीड़िता ने पांच लाख रूपये लेने से मना कर दिया तो, एसओ ने यह कह कर भेज दिया कि वह अब जहाँ जाये पर, बाबू का कुछ नहीं कर पायेगी। पीड़िता ने बताया कि रिश्वत की रकम उच्च स्तर तक बांटी गई है, जिससे उसकी कोई सुनने तक को तैयार नहीं है।
पीड़िता शुक्रवार को बरेली स्थित एडीजी की शरण में गई लेकिन, व्यस्तताओं के चलते उसकी मुलाकात नहीं हो सकी तो, पीड़िता आईजी की शरण में पहुंच गई। पीड़िता ने आईजी को घटना के बारे में बताते हुए प्रार्थना पत्र दिया लेकिन, पीड़िता का अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है और न ही मनमानी करने वाले एसओ के विरुद्ध कोई कार्रवाई की गई है। पीड़िता ने बताया कि वह न्याय की खातिर किसी भी स्तर तक जायेगी और बाबू को दंडित कराये बिना चैन से नहीं बैठेगी।
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