बदायूं जिले का नाम राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में लाने वाले हिंदूवादी नेता कुलदीप वार्ष्णेय का निधन हो गया। कुलदीप वार्ष्णेय लीवर के संक्रमण से ग्रस्त थे। लीवर का संक्रमण सही होने के बाद कुलदीप वार्ष्णेय की हालत बिगड़ गई, वे फिलहाल दिल्ली स्थित अस्पताल में भर्ती थे।
कस्बा वजीरगंज निवासी कुलदीप वार्ष्णेय की राजनैतिक समझ की दाद विरोधी भी देते हैं। कुलदीप वार्ष्णेय पूर्व में पत्रकार थे, उन्होंने यूएनआई जैसी प्रतिष्ठित न्यूज एजेंसी के लिए लंबे समय तक रिपोर्टिंग की, जिसके बाद वे राजनीति में सक्रिय हो गये। कुलदीप वार्ष्णेय भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष उस दौर में बने जब, कोई स्वयं को भाजपा का कार्यकर्ता कहने को भी तैयार नहीं था। कुलदीप वार्ष्णेय ने कड़ी मेहनत कर भाजयुमो की जिले भर में मजबूत टीम बनाई और पार्टी को चर्चाओं में ला दिया।
कुलदीप वार्ष्णेय जेएनयू के विवादित छात्र नेता कन्हैया कुमार को लेकर इतने ज्यादा आक्रोशित हो गये थे कि उन्होंने उसकी जीभ काटने पर इनाम देने की घोषणा कर दी थी, जिस पर देश भर में बड़ा बवाल हुआ था, जिसके बाद भाजपा ने कुलदीप वार्ष्णेय को निष्कासित कर दिया था, इसी बीच वे लीवर के संक्रमण से ग्रसित हो गये, उनका देश के कई प्रतिष्ठित अस्पतालों में उपचार चला, जिसके बाद वे स्वस्थ होने लगे।
बताते हैं कि एक सप्ताह पूर्व कुलदीप वार्ष्णेय की हालत खराब होने लगी तो, उन्हें दिल्ली ले जाया गया, जहाँ तमाम प्रयासों के बावजूद डॉक्टर बचा नहीं पाए। कुलदीप वार्ष्णेय की अंत्येष्टि बुधवार को कस्बा वजीरगंज में ही की जायेगी। यह भी बता दें कि गंभीर रूप से बीमार होने के बावजूद कुलदीप वार्ष्णेय हिंदूवादी गतिविधियों में बेहद सक्रिय थे और हिंदू जागरण मंच के बाद हिंदू युवा वाहिनी में बड़ा दायित्व संभाल रहे थे, उनके निधन पर हजारों लोग दुखी हैं।
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