बदायूं जिले की पुलिस शासन की मंशा के विपरीत कार्य करती दिख रही है। शासन की मंशा है कि महिलायें भयमुक्त रहें, उनका शोषण होने पर त्वरित कड़ी कार्रवाई की जाये पर, पुलिस यौन उत्पीड़न जैसी जघन्य वारदातों को भी गंभीरता से नहीं ले रही। पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया तो, पीड़िता परिजनों के साथ जिला मुख्यालय पर गुहार लगाने आई, इस बीच पीड़िता की बड़ी बहन को मौत के घाट उतार दिया गया।
जघन्य वारदात कस्बा उझानी के मोहल्ला गौतमपुरी स्थित भर्रा टोला की है। 1 जुलाई को नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न किया गया था। पीड़िता को पड़ोसी दबंग चचेरा भाई माइक्रोनी खिलाने के बहाने ले गया था। पीड़िता को ले जाकर परिजनों ने उझानी कोतवाली में तहरीर दी तो, पुलिस ने यौन उत्पीड़न की वारदात को जांच किये बिना ही नकार दिया और कोतवाली से भगा दिया। मुस्लिम पीड़ित परिवार के लड़के बाहर मजदूरी करते हैं, उन्हें सूचना देकर बुलाया गया।
पीड़िता को लेकर परिजन बुधवार को एसएसपी से मिलने आये। पीड़ित परिजन मुकदमा दर्ज कराने की गुहार लगा कर करीब 4 बजे घर वापस पहुंचे तो, बाहर व अंदर से कुंडी लगी थी। बड़ी बेटी घर पर ही थी, जिसे आवाज लगाई पर, वह बाहर नहीं आई तो, परिजन किसी तरह घर के अंदर पहुंचे। अंदर का दृश्य देख कर परिजन चीख पड़े। बड़ी बेटी की लाश लटकी हुई थी।
परिजनों का आरोप है कि बड़ी बेटी की आरोपियों ने ही हत्या की है। मौके के हालात आत्म हत्या करने जैसे नहीं लग रहे हैं, क्योंकि मृतका के पैर जमीन पर टिके हुए हैं, जिससे लग रहा है कि हत्या करने के बाद ही उसे लटकाया गया है। पूरे प्रकरण में प्रथम दृष्टया पुलिस की लापरवाही उजागर हो रही है लेकिन, अभी तक किसी दोषी के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
चौंकाने वाली बात यह है कि शासन ने रक्षाबंधन के अवसर पर क्षेत्र की लड़कियों से राखी बंधवाने का निर्देश दिया है पर, यहाँ उल्टा हो रहा है। पुलिस पीड़िताओं से बात तक करने को तैयार नहीं दिख रही है।
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