बदायूं जिले में पुलिस-प्रशासन, माफिया और मुनाफाखोर कोरोना वायरस के चलते लॉक डाउन का जमकर दुरूपयोग करते नजर आ रहे हैं। संपूर्ण शक्ति पुलिस-प्रशासन में ही निहित है, जिससे कोई कुछ नहीं कर पा रहा है। पुलिस-प्रशासन की मिलीभगत से माफिया और मुनाफाखोर जमकर आम जनता का दोहन करते नजर आ रहे हैं। सवाल उठाने वाले मीडिया कर्मियों से भी अभद्रता की जा रही है।
ताजा प्रकरण कस्बा उझानी का है, यहाँ गुटखा के दो बड़े कारोबारी हैं, इनमें एक पुराना कारोबारी गैर भाजपाई है, जिसके पास लॉक डाउन से पहले ही गुटखा का बड़ा स्टॉक था। दूसरे भाजपा समर्थित कारोबारी पर स्टॉक नहीं था, वह लॉक डाउन के बाद गुटखा अधिक मूल्य पर लाया, जिससे पुराने कारोबारी के सामने वह बाजार में टिक नहीं पा रहा था। पुराने कारोबारी पर पहले से ही बड़ा स्टॉक था, जिससे वह नये कारोबारी की तुलना में सस्ते दामों पर गुटखा बेच रहा था। हालाँकि वह भी ब्लैक कर रहा था।
पुराने कारोबारी के चलते नये कारोबारी को लगातार नुकसान हो रहा था, जिससे नये कारोबारी ने भाजपा नेताओं से दबाव डलवा कर पुलिस द्वारा पुराने कारोबारी पर कार्रवाई करवा दी। सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने मोटी रकम लेकर पुराने कारोबारी के विरुद्ध दिखाने भर को कार्रवाई कर दी, क्योंकि उसका स्टॉक सील नहीं किया। पुराने कारोबारी पर शिकंजा कसते ही नया कारोबारी बाजार में एक छत्र राज करने का प्रयास करने लगा।
बीती रात नये कारोबारी के ट्रक आ रहे थे एवं आस-पास जिलों व राज्यों में भेजने के लिए गुटखा वाहनों में लादा जा रहा था, इसकी सूचना किसी ने पुलिस-प्रशासन को दी तो, कोई अधिकारी मौके पर नहीं आया, इसके बाद सूचना पत्रकारों के पास पहुंची तो, कई सारे पत्रकार मौके पर पहुंच गये और कवरेज करने लगे, इस दौरान दबंग माफिया भी आ गया और पत्रकारों से अभद्रता करने लगा, साथ ही कवरेज करने से रोकने लगा। पत्रकारों से अभद्रता होने के बाद पुलिस आ गई लेकिन, पुलिस ने माफिया के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे पुलिस की जमकर फजीहत हो रही है।
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