बदायूं जिले के हालात सुधरने वाले नहीं हैं। मुख्यतः पुलिस की भूमिका से सरकार की जमकर फजीहत हो रही है। सरकार भू-माफियाओं के विरुद्ध अभियान चलाने के निर्देश दे रही है, उन्हें चिन्हित कर एंटी भू-माफिया पोर्टल पर दर्ज करने को कह रही है लेकिन, पुलिस भू-माफियाओं के गैंग का ही हिस्सा बनी नजर आ रही है। हालात इतने भयावह हो चले हैं कि कोतवाली में बैठा कर पुलिस पीड़ित पक्ष का ही मानसिक उत्पीड़न कर रही है।
सनसनीखेज प्रकरण कस्बा उझानी का है, यहाँ के मोहल्ला गंजशहीदा में जुल्फिकार उल्ला की पुश्तैनी जमीन है, जिस पर वह वर्ष- 1960 से बांस-बल्ली का धंधा कर रहा है, इस 94 वर्ग गज जमीन की कीमत वर्तमान में सवा करोड़ से भी ज्यादा बताई जा रही है। जुल्फिकार का रिश्तेदारों से उक्त जमीन के मालिकाना हक को लेकर विवाद हो गया, जिसका मुकदमा सिविल जज जूनियर डिवीजन- बदायूं के न्यायालय में चल रहा है। आरोप है कि पिछले कुछ दिनों से सत्ता का संरक्षण पा चुके भू-माफिया सक्रिय हो गये हैं, जो उक्त जमीन को किसी भी हालत में हथियाने में जुट गये हैं।
भू-माफियाओं ने पुलिस के साथ दूसरे पक्ष को भी अपने गैंग में शामिल कर लिया है। दूसरा पक्ष जुल्फिकार और उसके बेटे के साथ अभद्रता करने लगा है। जुल्फिकार ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र दिया और भू-माफियाओं के इरादों के बारे में अवगत करा दिया। प्रार्थना पत्र जांच और कार्रवाई हेतु कोतवाली में पहुंचा तो, कस्बा इंचार्ज शिवेंद्र सिंह भदौरिया ने शुक्रवार को जुल्फिकार के भाई शाहिद उल्ला को सुबह लगभग 9 बजे कोतवाली बुला लिया और रात लगभग 12 बजे छोड़ा था। सोमवार को पुनः पुलिस घर पर पहुंची तो, जुल्फिकार के न मिलने के कारण बेटे फैजल को पुलिस कोतवाली ले गई।
बेटे को हिरासत में लेने की खबर जुल्फिकार को लगी तो, उसने कस्बा इंचार्ज शिवेंद्र सिंह भदौरिया को फोन किया, उन्होंने बेटे को हिरासत में लेने से मना करते हुए कहा कि बयान दर्ज करने हैं, आप आ जाओ, जिसके बाद जुल्फिकार भी कोतवाली पहुंच गये, अब पिता-पुत्र पुलिस की अघोषित हिरासत में हैं। पुलिस हिरासत मान भी नहीं रही है और उन्हें जाने भी नहीं दे रही है। आशय यही है कि पुलिस भू-माफियाओं के दबाव में जुल्फिकार और उसके परिवार का मानसिक उत्पीड़न कर रही है, जबकि जिले में तैनात एसएसपी संकल्प शर्मा तेजतर्रार और ईमानदार बताये जाते हैं, जिनका डर शिवेंद्र सिंह भदौरिया जैसे उप-निरीक्षकों में बिल्कुल भी नजर नहीं आ रहा है तभी खुल कर भू-माफियाओं के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।
उधर कस्बा उझानी में कुछ फ्लैक्स भी लगाये गये हैं, जो चर्चा विषय बने हुए हैं, यह फ्लैक्स किसने और क्यों लगाये हैं?, यह तो पता नहीं चल पा रहा है लेकिन, फ्लैक्स पर लिखे वाक्य उक्त भू-माफियाओं की ओर ही संकेत करते दिखाई दे रहे हैं। यह भी बता दें कि कस्बा सहसवान में भी भू-माफिया जमशेद गुड्डू के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत हो चुका है, उसका नाम एंटी भू-माफिया पोर्टल पर दर्ज हो चुका है लेकिन, पुलिस भू-माफिया जमशेद गुड्डू के साथ ही खड़ी नजर आ रही है, जिससे सरकार की जमकर फजीहत हो रही है।
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