बदायूं जिले में स्थित उझानी कोतवाली की पुलिस जमकर मनमानी करती नजर आ रही है। पुलिस बालिगों को भी सुकून से नहीं रहने दे रही। होटल और गेस्ट हाउस में छापा मार कर पुलिस प्रेमी जोड़ों को पकड़ ले जाती है और फिर उनका सार्वजनिक रूप से अपमान करने के बाद छोड़ देती है।
कस्बा उझानी में भगवती पैलेस नाम से एक होटल है, यहाँ एकांत का सदुपयोग करने के लिए प्रेमी जोड़े भी आते रहते हैं। पुलिस आये दिन छापा मारती रहती है और प्रेमी जोड़ों को अपराधियों की तरह दबोच कर कोतवाली ले जाती है। कानून को ताक में रख कर दबंगों की तरह पुलिस प्रेमी जोड़ों के साथ जमकर अभद्रता करती है और फिर दो-चार घंटों के बाद छोड़ देती है। कहा तो यह भी जा रहा है कि पुलिस प्रेमी जोड़ों से मोटी रकम वसूलती है। घर-परिवार की फजीहत के कारण प्रेमी मजबूरी में पुलिस को रूपये देना सही समझते हैं।
गुरूवार को तो चौंकाने वाली घटना हुई। पुलिस की जगह भाजपा नेताओं और हिंदूवादी संगठनों ने छापा मारा और प्रेमियों को दबोचने के बाद उनसे जमकर अभद्रता की गई। नेताओं ने खुद ऑपरेशन करने के बाद पुलिस को बुला लिया। पुलिस ने कानून हाथ में लेने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करने की जगह उनके निर्देश पर प्रेमी जोड़ों को दबोच लिया और फिर सभी को कोतवाली ले गई।
कोतवाली में ले जाकर पुलिस ने बेकसूर प्रेमी जोड़ों को कई घंटों तक अपमानित किया। शाम को परिजन बुला कर पुलिस ने प्रेमी जोड़े उनके हवाले कर दिए। बताया जा रहा है कि छापा मारने वाले भाजपाईयों को बाद में पता चला कि एक प्रेमी उनका रिश्तेदार है तो, भाजपाई उसे छुड़ाने को भी जुटे रहे। पुलिस ने गेस्ट हाउस के मालिक अशोक थरेजा को भी हिरासत में ले लिया है।
सवाल उठता है कि प्रेमी जोड़े बालिग हैं तो, उन्हें परेशान क्यों किया जाता है, वे गलत आईडी देते हैं, नाम और पता बदल कर कमरा बुक कराते हैं तो, उनके और गेस्ट हाउस के मालिक के विरुद्ध कार्रवाई की जा सकती है। जब सब कुछ सही है तो, पुलिस कानून का दुरूपयोग क्यों कर रही है। सवाल यह भी है कि पुलिस एक बार में ही कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं करती। हर महीने छापा मारने का नाटक क्यों करती है पुलिस?
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