उझानी में भू-माफियाओं के हौसले इतने बुलंद क्यों हैं?

उझानी में भू-माफियाओं के हौसले इतने बुलंद क्यों हैं?

बदायूं जिले का कस्बा उझानी चर्चाओं में है। हालाँकि उझानी क्षेत्र में पिछले पांच वर्षों में दो सौ करोड़ से अधिक कीमत की जमीनों पर कब्जे किये गये हैं, किसी के प्लॉट पर कब्जा कर लिया जाता है और फिर उससे कह दिया जाता है कि तुम्हारा प्लॉट बराबर वाला होगा, यह नहीं है, फिर पीड़ित तहसील के चक्कर लगाता रहता है पर, उस जमीन की पैमाइश करने को कोई तैयार नहीं होता, ऐसे असंख्य प्रकरण है, कुछ पीड़ित दहशत में शिकायत नहीं करते और कुछ पीड़ित शिकायत करते हैं तो, उस पर स्थानीय प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता, इसी क्रम में एक प्राचीन भवन पर अवैध कब्जा करने का प्रयास किया गया पर, इस बार किरायेदार उदित वार्ष्णेय ने भू-माफिया के विरुद्ध खुल कर मोर्चा खोल दिया। पीड़ित ने हृदयेश गोयल की एसएसपी को पत्र भेज कर शिकायत की है। उदित वार्ष्णेय विरोध नहीं करते तो, इस बार भी भू-माफिया करोड़ों की संपत्ति आराम से डकार जाता।

पहले पूरा प्रकरण समझते हैं। एसएसपी को भेजे प्रार्थना पत्र में पीड़ित उदित वार्ष्णेय ने लिखा है कि उसके दिवंगत पिता कौशल किशोर वार्ष्णेय घंटा घर चौराहे पर स्थित रामबहादुर के भवन में प्रथम तल पर किरायेदार थे, उसमें पिता कृष्णा पब्लिक लाइब्रेरी संचालित करते थे, उनके निधन के बाद उदित वार्ष्णेय लाइब्रेरी संचालित कर रहे हैं। उदित 15 अगस्त को रोज की तरह पहुंचे तो, गेट पर ताला टूटा हुआ था और जीने का गेट खुला हुआ था, साथ ही दो मजदूर दीवार तोड़ रहे थे। उदित के पूछने पर मजदूरों ने बताया कि वे हृदयेश गोयल के कहने पर तोड़ रहे हैं। उदित का कहना है कि हृदयेश गोयल के असामाजिक तत्वों और उच्च स्तरीय राजनेताओं से संबंध हैं, जिनके बल पर वह दबंगई से अवैध कब्जा करने का प्रयास कर रहा है। उदित ने एसएसपी से कार्रवाई करने की गुहार लगाई है। हृदयेश की चाहे जितनी ऊंची पहुंच हो पर, स्थानीय पुलिस ने अवैध कब्जा करने की प्रक्रिया को तत्काल रुकवा दिया लेकिन, पीड़ित इसलिए डरा हुआ है कि हृदयेश पुनः प्रयास भी कर सकता है।

खैर, उक्त प्रकरण में जो होगा, वो आगे दिखेगा ही लेकिन, इसी तरह के उझानी में अंसख्य प्रकरण हैं। कहीं मृतक की भूमि पर कब्जा कर लिया गया है। कहीं दो-तीन लोगों के विवाद के बीच भू-माफिया एक पक्ष से बैनामा कर कर कब्जा ले चुका है, इन भू-माफियाओं को किसी न किसी बड़े नेता या, बड़े अफसर का संरक्षण रहा है, जिसके चलते भू-माफिया पर कार्रवाई नहीं होती। कुछेक स्थानों पर पालिका की जमीन पर भी अवैध कब्जा किया गया है पर, पालिकाध्यक्ष और ईओ भी कार्रवाई नहीं करते। पालिकाध्यक्ष नो वर्क, नो मिस्टेक के सिद्धांत पर कार्य करती हैं, जिससे भू-माफिया के हौसले बुलंद हैं।

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