बदायूं जिले में जनसूचना अधिकार अधिनयम- 2005 का कुछ लोग दुरूपयोग करते नजर आ रहे हैं, ऐसे ही एक कुख्यात सरगना के विरुद्ध तेजतर्रार सब-इंस्पेक्टर ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है लेकिन, सरगना अभी भी पीड़ित चिकित्सा अधीक्षक पर लगातार दबाव बना रहा है।
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कोतवाली सहसवान में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गोविन्द स्वर्णकार द्वारा 1 मई 2018 को मुकदमा दर्ज कराया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मोहल्ला शहबाजपुर निवासी सत्यप्रकाश सैनी पुत्र बुद्धसेन सैनी रूपये मांगता है, जिसकी उनके पास वीडियो रिकार्डिंग भी है। रूपये न देने पर कभी भतीजे के नाम से तो, कभी किसी और के नाम से जनसूचना अधिकार अधिनयम- 2005 के अंतर्गत सूचनायें मांगता है।
एक बार फोन कर शहर के बाहर सरसौता पर आने का भी दबाव बनाया एवं 21 अप्रैल 2018 को सत्यप्रकाश सैनी एक व्यक्ति के साथ आवास पर आया और धमकाने लगा कि तत्काल दो लाख रूपये दो वरना, बाद में पांच लाख रूपये देने पड़ेंगे। भयभीत डॉक्टर ने यह भी आरोप लगाया था कि वह टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत वह अक्सर गाँवों में जाते हैं, उक्त लोग उसकी हर गतिविधि पर नजर रखते हैं, इसलिए अपहरण कर सकते हैं, जान से मार सकते हैं।
उक्त गंभीर प्रकरण की जांच तेजतर्रार सब-इंस्पेक्टर राजपाल सिंह को दी गई, उन पर भी एफआईआर निरस्त करने का तरह-तरह से दबाव बनाया गया पर, उन्होंने किसी तरह का दबाव नहीं माना और साक्ष्य सहित आरोप पत्र न्यायालय में दायर कर दिया, इसके बावजूद सरगना सत्यप्रकाश सैनी सुधर नहीं रहा है, वह लगातार पीड़ित डॉक्टर पर दबाव बनाये हुए है। सत्यप्रकाश सैनी एक अख़बार का एजेंट भी है, जिसके बल पर ब्लैकमेल करने का धंधा लंबे समय से कर रहा है।
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