बदायूं जिले में जान दांव पर लगने के बाद इश्क जीत गया। आशिक और माशूका के बीच न सिर्फ समझौता हो गया, बल्कि जिला अस्पताल में ही दोनों का निकाह भी हो गया। प्रकरण चर्चा का विषय बना हुआ है।
उल्लेखनीय है कि कस्बा दातागंज के मोहल्ला परा नई बस्ती में रहने वाली चमनतारा का निकाह बरेली जिले के गाँव बमियाना में हो गया था, लेकिन आशिक जफर के कारण शौहर से संबंध खराब हो गये, जिससे चमनतारा मायके में ही रह रही थी। शौहर से संबंध खराब होने का कारण आशिक जफर ही था, जिससे चमनतारा आशिक के साथ रहने का दबाव बनाने लगी। प्रकरण पुलिस के भी पास पहुंच चुका था, लेकिन पुलिस ने आशिक का साथ दिया।
पुलिस से मदद न मिलने के बावजूद चमनतारा आशिक पर लगातार दबाव बनाये हुए थी, जिससे तंग आकर जफर और उसके पिता वहीद ने 14 दिसंबर को चमनतारा के ऊपर तेल छिड़क कर आग लगा दी। चमनतारा में लगी आग बुझा कर किसी तरह उसे जिला अस्पताल तक लाया गया, जहाँ उसका उपचार चल रहा था। चमनतारा ने जफर और उसके पिता पर आरोप लगाया, जिससे दोनों फरार हो गये थे।
घायल चमनतारा थोड़ी ठीक हुई, तो उसका इश्क नफरत पर फिर हावी हो गया और वह कहने लगी कि जफर उससे निकाह कर ले, तो वह यह सब भी भूल जायेगी। सूचना जफर तक पहुंची, तो वह जिला अस्पताल पहुंच गया। बताते हैं कि घायल चमनतारा का जफर से अस्पताल में ही निकाह करा दिया गया है, जिसके बाद चमनतारा ने अपना आरोप भी वापस ले लिया। अब आशिक जफर ही अस्पताल में चमनतारा की देख-भाल कर रहा है।
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