बदायूं जिले में स्थानीय नगर निकाय चुनाव को लेकर राजनैतिक सरगर्मियां चरम पर हैं। प्रत्याशियों के चयन को लेकर हर दल कार्यकर्ताओं की भावनाओं से खेला है। समाजवादी पार्टी ने सबसे पहले प्रत्याशियों की घोषणा की, तो उसकी चर्चा भाजपा और बसपा की घोषणा के नीचे दब गई। अब कार्यकर्ताओं के गुस्से का सामना भाजपा और बसपा को ही करना पड़ रहा है। कई जगह भाजपा में विद्रोह हो गया है, वहीं बसपा कार्यकर्ता खुलेआम प्रदर्शन कर रहे हैं।
नगर पंचायत वजीरगंज में भाजपा कार्यकर्ताओं ने टिकट की घोषणा से पहले ही जिलाध्यक्ष को पत्र लिख कर पार्टी के कार्यकर्ता को टिकट देने की मांग की थी, इसके बावजूद राहुल वार्ष्णेय की पत्नी शकुंतला देवी को टिकट दे दिया गया। टिकट की घोषणा होते ही मायूसी छा गई, लेकिन विधायक महेश चंद्र गुप्ता पार्टी के निर्णय के अनुसार शकुंतला देवी के समर्थन में जुट गये हैं, उन्होंने साथ जाकर शकुंतला देवी का नामांकन पत्र जमा कराया।
उधर कार्यकर्ताओं के दबाव में दीपेश वार्ष्णेय की भाभी संगीता वार्ष्णेय ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन करा दिया। संगीता के साथ बूथ अध्यक्ष अमित पाठक, तरुण शंखधार, अंकुर साहू, प्रमोद कुमार, पवन अग्रवाल, अमरीश वार्ष्णेय, सुनील शास्त्री, धीरेन्द्र सिंह, मुकेश श्रीवास्तव, अनिल सैनी, पप्पू तिवारी, वीरेंद्र सिंह, कुंदन मीणा, सुरेश मीणा, लल्ला पाराशरी, ब्रजेश वार्ष्णेय और जॉनी वार्ष्णेय सहित तमाम लोग रहे। वजीरगंज के लोग शासन-सत्ता के दुरूपयोग को लेकर भी आशंकित नजर आ रहे हैं।
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