बदायूं का जिला प्रशासन नगर पंचायत वजीरगंज की दुकानों के हाई-प्रोफाइल प्रकरण में दो कदम पीछे हट गया है। दुकादारों के आग्रह पर प्रशासन ने एक सप्ताह का समय दे दिया है, जिससे सोमवार को दुकानें नहीं तोड़ी जायेंगी। दुकानदारों के साथ अधिकारी-कर्मचारियों ने भी राहत की साँस ली है। राजनैतिक दबाव के चलते सभी का ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ था।
उल्लेखनीय है कि नगर पंचायत वजीरगंज की भूमि पर अवैध तरीके से दुकानें बना कर बेच दी गई थीं। पहले दिन से ही प्रकरण चर्चा का विषय बना हुआ था। लोग तमाम तरह की चर्चायें कर रहे थे। नगर पंचायत के साथ प्रशासनिक अफसरों ने अवैध तरीके से बन रही दुकानों का निर्माण कार्य रोकने में कोई रूचि नहीं ली। तमाम शिकायतें भी हुईं पर, अफसरों ने दुकानें बना कर बेचने वाले के विरुद्ध कार्रवाई करने की जगह मामले को दबा दिया था।
उक्त प्रकरण में भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य ने मुख्यमंत्री से शिकायत की तो, प्रशासन में हड़कंप मच गया। लॉकडाउन के कारण त्वरित कार्रवाई नहीं हो सकी लेकिन, लॉकडाउन खुलते ही अफसर सक्रिय हो गये। डीएम कुमार प्रशांत के दिशा-निर्देशन में अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) ऋतु पुनिया दुकानों को तोड़ने की रूप-रेखा तैयार करने लगीं, वे स्वयं मौका मुआयना करने गईं तो, दुकानदारों में हड़कंप मच गया। दुकानदारों को सात दिन के अंदर जमीन खाली करने का नोटिस दे दिया गया। जमीन खाली न होने पर सोमवार को अवैध दुकानें तोड़ने की प्रशासन ने तैयारी कर ली थी।
अब सूत्रों का कहना है कि दुकानदारों ने शपथ पत्र देकर एक सप्ताह का समय माँगा है। शपथ पत्र में कहा गया है कि एक सप्ताह के अंदर वे स्वयं अतिक्रमण हटा लेंगे, इस पर प्रशासनिक अफसरों ने नरमी बरतते हुए दुकानदारों को समय दे दिया है, जिससे सोमवार को होने वाली कार्रवाई अब नहीं होगी। समय बढ़ने से दुकानदारों के साथ अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी राहत की सांस ली है।
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