बदायूं जिले में जनप्रतिनिधि चुने जाने के बावजूद महिलायें पति और बेटों की कठपुतलियाँ ही नजर आ रही हैं। डीएम के स्पष्ट आदेश के बावजूद चेयरमैन पति चेयरमैन की कुर्सी पर बैठते हैं और दबंगई के साथ कर्मचारियों को निर्देश देते हैं। भ्रष्ट और लापरवाह होने के कारण कर्मचारी चेयरमैनपति को ही चेयरमैन के रूप में स्वीकार कर लेते हैं।
ताजा प्रकरण नगर पंचायत वजीरगंज का है, यहाँ उमर कुरैशी की पत्नी चेयरमैन हैं, लेकिन उमर कुरैशी प्रतिदिन कार्यालय आते हैं और चेयरमैन की कुर्सी पर ही बैठते हैं, सभासदों के साथ बैठ कर चर्चा करते हैं एवं कर्मचारियों को निर्देश भी देते हैं, जबकि नगर निकायों में कार्यकारिणी गठित होते ही जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने शासनादेश के क्रम में जिले भर के अधिशासी अधिकारियों और निकायों के अध्यक्षों को निर्देश दिए थे कि निर्वाचित व्यक्तियों के परिजन शासकीय कार्यों में हस्तक्षेप न करें और न ही परिजन बैठकों में शामिल हों। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए थे कि परिजन हस्तक्षेप करते हुए दिखाई दें, तो तत्काल अवगत करायें और यथोचित कार्रवाई करें।
जिलाधिकारी का आदेश उमर कुरैशी नहीं मानते, वे खुलेआम आदेश का उल्लंघन करते नजर आ रहे हैं। पुरुषवादी समाज होने के कारण सभासद विरोध नहीं करते एवं भ्रष्ट और लापरवाह होने के कारण कर्मचारी भी मौनधारण किये हुए हैं, इससे महिलाओं को आरक्षण देकर आगे बढ़ाने की मंशा तार-तार हो रही है। यह भी बता दें कि कई अन्य निकायों में भी चेयरमैन पति और बेटे आतंक मचाये हुए हैं।
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