बदायूं जिले की तमाम नगर निकाय भ्रष्टचार का स्रोत बनी हुई हैं लेकिन, अधिकांश चेयरमैन और ईओ भ्रष्टचार चुपके से करते हैं। खुलासा होने पर और फंसने पर अपमान की अनुभूति करते हैं पर, नगर पंचायत उसहैत में डंके की चोट पर न सिर्फ भ्रष्टचार किया जाता है बल्कि, भ्रष्टाचार पर गर्व करते हुए भ्रष्टाचारियों द्वारा ऐसा व्यवहार किया जाता है कि जो करना है, सो कर लो, यहाँ तो ऐसे ही होगा।
कोविड- 19 से देश-प्रदेश के साथ बदायूं जिला भी जूझ रहा है। वायरस ने तांडव किया तो, कठोर दिल इंसान भी रो पड़े। तमाम लोग मदद करने उतर पड़े लेकिन, नगर पंचायत उसहैत में आपदा को भी अवसर के रूप में भुनाने का प्रयास होने लगा। कोविड- 19 से बचाव के चलते सोडियम हाइपोक्लोराइड छिड़कने का आदेश शासन द्वारा दिया गया है, साथ ही मच्छरों से बचाव के लिए एंटी लार्वा भी छिड़का जाता है, इन दोनों दवाओं का खुला मूल्य है। सोडियम हाइपोक्लोराइड थोक में 15 रूपये प्रति लीटर मिल जाती है, साथ ही एंटी लार्वा 70 रूपये प्रति लीटर मिल जाता है लेकिन, वारदाना और भाड़े का खर्चा जोड़ कर नगर निकाय सोडियम हाइपोक्लोराइड का भुगतान प्रति लीटर 32 रुपया तक करती हैं, इसमें भी ठेकेदार, चेयरमैन और ईओ को अतिरिक्त बचत हो जाती है लेकिन, नगर पंचायत उसहैत द्वारा टेंडर निकाला गया है, जिसमें सोडियम हाइपोक्लोराइड का रेट दोगुना है एवं एंटी लार्वा का रेट चार गुना है, इस टेंडर को डालने की अंतिम तिथि 23 मई है। पूरा खेल सेटिंग का है, कोई और ठेकेदार कम रेट पर दवा देना चाहेगा तो, उससे दवा नहीं ली जायेगी। स्पष्ट है कि आपदा को अवसर में रूप में भुनाने का प्रयास किया जा रहा है। माहमारी के दौर में असमर्थ लोग भी पीड़ितों की मदद कर रहे हैं, ऐसे हृदय विदारक वातावरण में सरकारी धन का बंदरबांट करने का प्रयास किया जा रहा है।
यह तो बेईमानी करने का बहुत छोटा प्रयास है। सैनरा वैश्य से पहले उनके पति गौरव कुमार “गोल्डी” चेयरमैन थे, उस समय समाजवादी पार्टी की सरकार थी, जिससे वे स्वयं को सपा नेता कहते थे और धर्मेन्द्र यादव के करीबी माने जाते थे, उस समय ही उसहैत नगर पंचायत में अंत्येष्टि स्थल और गोशाला स्वीकृत हुए थे। 1 करोड़ की लागात का अंत्येष्टि स्थल गीता कन्स्ट्रक्शन द्वारा बनाया गया था। बताते हैं कि अंत्येष्टि स्थल की गुणवत्ता बेहद घटिया है, यहाँ आज तक एक भी अंत्येष्टि नहीं हुई है, जबकि हाल-फिलहाल श्मशान भी चर्चा का विषय बने हुए हैं।
गोशाला का निर्माण कार्य समाजवादी पार्टी की ही सरकार में शुरू हो गया था। बिहारी जी कॉन्ट्रेक्टर एंड सप्लायर द्वारा 1 करोड़ 86 लाख रूपये की लागात से गोशाला का निर्माण किया गया है, इसकी गुणवत्ता भी बेहद घटिया बताई जाती है, यहाँ पल रही गायों की भी हालत दयनीय बताई जाती है। बताते हैं कि गोशाला का अंतिम भुगतान भाजपा सरकार और सैनरा वैश्य के कार्यकाल में किया गया है। युवा मंच संगठन के संस्थापक ध्रुवदेव गुप्ता ने मंडलायुक्त और डीएम से कई बार शिकायत की है, यहाँ व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर धरना-प्रदर्शन तक किया है लेकिन, प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं की जाती। टीम गठित कर जांच तक नहीं की जाती, जिससे भ्रष्टाचारियों का मनोबल लगातार बढ़ता जा रहा है।
सैनरा वैश्य निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीती थीं पर, वे अब भाजपा की स्वयं-भू वरिष्ठ नेत्री हैं। स्वयं-भू इसलिए, क्योंकि भाजपा में सम्मलित होने की घोषणा आज तक नहीं हुई है। भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष अशोक भारती सैनरा वैश्य के पिता हैं। सैनरा वैश्य के पति गौरव कुमार “गोल्डी” के बहनोई राजीव कुमार गुप्ता क्षेत्रीय कमेटी में मंत्री हैं और विधायक के टिकट के प्रबल दावेदार हैं, इसीलिए प्रशासनिक अफसर दबाव में रहते हैं और शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं करते। अगर, ईमानदारी से जाँच हो जाये तो, यहाँ करोड़ों का घपला बताया जाता है।
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