मनमानी: प्रशासन ने नहीं लिया सबक, कुत्ते खा रहे हैं गाय के शव, 15 गाय चोरी

मनमानी: प्रशासन ने नहीं लिया सबक, कुत्ते खा रहे हैं गाय के शव, 15 गाय चोरी

बदायूं जिले में भागीरथी के किनारे कछला नगर पंचायत द्वारा संचालित गोवंश आश्रय स्थल (गौशाला) में बीती रात 22 गाय, बछड़े और सांड  एक साथ काल के गाल में समां गये थे, जिससे प्रशासन ने सबक नहीं लिया। अब स्पष्ट हो गया है गोशाला औपचारिकता पूरी करने के लिए ही चलाई जा रही थी तभी, प्रशासन ने शेष गाय बिनावर स्थित गोशाला में पहुंचवा दी हैं, वहीं घटना को दबाने के उद्देश्य से प्रशासन ने शव उल्टे-सीधे गड़वा दिए, जिन्हें कुत्तों ने खंगाल लिया है।

पढ़ें: पुलिस-प्रशासन की लापरवाही से गंगा किनारे 22 गाय की मौत, दर्जन भर गंभीर

कछला नगर पंचायत द्वारा संचालित की जा रही गौशाला में लगभग 76 गाय थीं, जिनमें से अधिकांश गाय रविवार देर शाम अचानक तड़पने व चीखने लगीं। कुछ ही देर में 22 गाय, बछड़े और सांड प्राण विहीन हो गये एवं एक दर्जन के करीब गाय तड़प रही थीं। सूचना मिलते ही पुलिस-प्रशासन के अफसर पहुंच गये। तड़प रही गाय बचा ली गईं।

गौतम संदेश द्वारा खबर प्रकाशित करते ही लखनऊ तक हड़कंप मच गया। मंडलायुक्त और डीआईजी भी मौके पर आ गये और अधीनस्थों को निर्देश दे गये। आरवीआरआई की टीम ने आकर पोस्टमार्टम के बाद गाय, बछड़े और सांड की मौत का कारण हरा चारा बताया। डॉक्टर के हवाले से डीएम दिनेश कुमार सिंह का कहना है कि नाइट्रेट प्वाजनिंग के कारण गाय, बछड़े और सांड मर गये। यहाँ सवाल यह उठता है कि गाँव के अशिक्षित किसान को भी यह पता होता है कि बारिश के मौसम में बिना भूसे के हरा चारा जानवरों को नहीं खिलाना चाहिए, ऐसे में नगर पंचायत द्वारा संचालित गोशाला में ऐसी गलती कैसे हुई?

उधर मृतक गाय के शव पोस्टमार्टम के बाद दफना दिए गये पर, घटना को दबाने के चक्कर में प्रशासन इतनी हड़बड़ी में था कि मानक के अनुसार गड्ढा नहीं कराया गया। कर्मचारी गाय, बछड़े और सांड के शव मिटटी से दबा कर हटे तभी, आवारा कुत्तों ने आकर शव बाहर निकाल लिए। गाय के शव कुत्तों को खाते देख विहिप के कार्यकर्ता आक्रोशित हो उठे। विहिप ने प्रशासन पर घटना की लीपा-पोती करने का आरोप लगाया है।

सोमवार को प्रशासन ने शेष जीवित बची गाय कछला स्थित गोशाला से हटवा दीं, इससे स्पष्ट है कि गोशाला गाय रखने लायक नहीं थी। सूत्रों का कहना है कि गाय बिनावर स्थित गोशाला में भेजी गई हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि प्रशासन ने आवारा गाय पकड़ कर संख्या पूरी कर ली, जिन्हें ट्रक में भर भेज दिया गया है, जबकि टैग लगी हुईं गाय गंगा किनारे भटक रही हैं और पॉलीथिन में चारा खोज रही हैं। पूरे प्रकरण में प्रशासन असंवेदनशील नजर आ रहा है।

इसके अलावा कादरचौक स्थित गोशाला से 15 गाय चोरी हो गई हैं। प्रधान ने थाने में तहरीर दी है। तहरीर में गायब गाय के टोकन नंबर का उल्लेख नहीं किया गया है, जिससे पुलिस घटना को संदिग्ध मान रही है। बता दें कि जिले में अधिकांश स्थानों पर गोशाला फर्जी तरीके से सिर्फ कागजों में ही चल रही हैं लेकिन, प्रशासन की ओर से दावा किया जा रहा है कि जिले में गाय आवारा नहीं घूमतीं, जबकि किसान हाहाकार कर रहे हैं।

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