बदायूं जिले के पुलिस-प्रशासन की बड़ी नाकामी सामने आ रही है। जिस स्थान पर डीएम-एसएसपी हर दिन जाते हैं, उस स्थान पर नगर पंचायत द्वारा संचालित गोवंश आश्रय स्थल (गौशाला) में 22 गाय एक साथ काल के गाल में समां गईं, साथ ही दर्जन भर गाय मौत से जूझ रही हैं। पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।
सनसनीखेज वारदात नगर पंचायत कछला की है, यहाँ गंगा किनारे आरती का आयोजन किया जाता है, जिसमें शामिल होने के लिए प्रतिदिन ही डीएम-एसएसपी तमाम अफसरों के साथ जाते हैं, साथ ही वीवीआईपी भी गंगा आरती में जाते हैं, जिससे समूचे क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद होना स्वाभाविक ही है। डीएम दिनेश कुमार सिंह दल-बल के साथ आज भी कछला में मौजूद रहे, वे देर शाम ही कछला से जिला मुख्यालय लौटे हैं, ऐसे अति सुरक्षित क्षेत्र में संचालित गौशाला में 22 गाय एक साथ काल का निवाला बन गईं, साथ ही एक दर्जन गाय मौत से जूझती बताई जा रही हैं।
बताते हैं कि कछला नगर पंचायत द्वारा संचालित की जा रही गौशाला में लगभग 76 गाय हैं, जिनमें से अधिकांश गाय देर शाम अचानक तड़पने व चीखने लगीं। लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले ही गाय दम तोड़ने लगीं। कुछ ही देर में 22 गाय प्राण विहीन हो गईं एवं एक दर्जन के करीब गाय तड़प रही हैं।
पुलिस-प्रशासन की ओर से अभी तक कुछ नहीं बताया जा रहा है लेकिन, प्रथम दृष्टया पुलिस-प्रशासन की ही गलती मानी जा रही है। श्रद्धा और आस्था के दिनों में नवरात्र की अष्टमी के दिन इतनी बड़ी संख्या में गाय मरने से लोग आहत नजर आ रहे हैं। डीएम दिनेश कुमार सिंह और एसएसपी अशोक कुमार त्रिपाठी मौके पर पहुंच गये, उनकी निगरानी में डॉक्टर की टीम ने उपचार शुरू कर दिया है। अभी तक इतनी बड़ी संख्या में गाय के मरने का कारण सामने नहीं आ सका है।
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