बदायूं जिले में स्थानीय नगर निकाय चुनाव के चलते आचार संहिता लगी हुई है। आपत्तिजनक बयानबाजी कभी नहीं कर सकते, लेकिन आचार संहिता के दौरान चुनाव आयोग द्वारा अलग से स्पष्ट निर्देश दिए जाते हैं कि आपत्तिजनक भाषण देने वालों पर पैनी नजर रखी जाये और उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाये, पर पुलिस ने चार दिन बाद भी आपत्तिजनक भाषण देने वाले सपा नेता के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की है।
बेहद गंभीर प्रकरण नगर पंचायत इस्लामनगर का है, यहाँ से समाजवादी पार्टी ने जायदा खान को प्रत्याशी बनाया है। जायदा खान पूर्व चेयरमैन वाहिद खान की बहन हैं, यहाँ महिला वर्ग के लिए पद आरक्षित है, उनकी पत्नी सरकारी कर्मी हैं, इसलिए उन्होंने बहन को प्रत्याशी बनाया है। लोकतंत्र में महिलाओं की क्या स्थिति है, इसका खुलासा कानून की पढ़ाई कर चुके वाहिद खान के भाषण से ही हो रहा है। इस्लामनगर में मुस्लिम वर्ग के लोगों को संबोधित करते हुए वाहिद खान कह रहे हैं कि उनकी बहन नाम की चेयरमैन होगी, काम वे ही करेंगे।
वाहिद खान आगे कहते हैं कि चेयरमैन बनने के बाद सड़कें बनवानी हैं, दवा दिलवानी है, बच्चों की फीस माफ करानी है, वे अन्य तमाम तरह का विकास कराने का दावा करते हुए कहते चले जाते हैं कि काले जानवर कटवाने हैं, साथ ही पुलिस का गिरेबान पकड़ कर छुड़वाना है, वे यह सब वादे और दावे करने के बाद वोट देने की अपील करते हैं। वाहिद खान द्वारा आपत्तिजनक भाषण दिए हुए चार दिन बीत चुके हैं, लेकिन इस्लामनगर थाना पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। आचार संहिता के दौरान चार लोग जमा नहीं हो सकते, पर वाहिद खान देर रात तक नुक्कड़ सभायें कर रहे हैं, उनमें आपत्तिजनक भाषणबाजी कर रहे हैं, पर पुलिस पूरी तरह मूकदर्शक बनी हुई है।
यह भी बता दें कि 20 नवंबर 2016 को सपा सरकार में सपा नेता व पूर्व चेयरमैन वाहिद खान के कहने पर पुलिस ने पंजाब नैशनल बैंक की शाखा में हुई चोरी के आरोप में पकड़े गये दो लोगों को छोड़ दिया था। थाने की हवालात में एक व्यक्ति और बंद था, जिसके बारे में कहा जा रहा था कि वह बैंक में लगे सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गया था, पुलिस उससे अन्य साथियों के नाम उगलवाना चाह रही थी, इस बीच वाहिद खान ने पुलिस पर उसे भी छोड़ने का दबाव बनाना शुरू कर दिया था, लेकिन पुलिस ने उसे छोड़ने से मना कर दिया था, तो वाहिद खान ने सैकड़ों पुरुष और महिलाओं को इकट्ठा कर सुबह करीब सात बजे थाना इस्लामनगर पर धावा बोल दिया था। थाने पर खड़े होकर पुलिस के विरुद्ध भाषण दिया था और खुलेआम लोगों को भड़काने का प्रयास किया था। भीड़ बढ़ती देख पुलिस घबरा गई थी और दोपहर में करीब 12 बजे पुलिस ने हवालात में बंद आरोपी को वाहिद खान के हवाले कर दिया था, तो भीड़ वाहिद खान की जय-जयकार करते हुए आरोपी को लेकर लौट गई थी, इसीलिए वाहिद खान का मनोबल बढ़ा हुआ है। पुलिस ने कार्रवाई नहीं की, तो वह दिन दूर नहीं, जब वाहिद खान थाने में घुस कर पुलिस को पीटा करेंगे।
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