बदायूं जिले की नगर पंचायत गुलड़िया मनमानी और भ्रष्टाचार का साम्राज्य बन गई है। हालात इतने भयावह हो चले हैं कि जिस नगर में तालाब ही नहीं है, वहां तालाब का सौन्दर्यकरण करने के नाम पर लाखों रूपयों का बंदरबाँट कर लिया गया है। चेयरमैन की फर्जी मार्कशीट भी सामने आई है, इस सबको लेकर आप यूथ विंग्स (AYW) के जिलाध्यक्ष मुकुल प्रताप सिंह ने कमर कस ली है, जो कार्रवाई कराने में जुट गये हैं।
एवाईडब्ल्यू के जिलाध्यक्ष मुकुल प्रताप सिंह ने बताया कि नगर पंचायत गुलड़िया में एक स्थान पर गाँव का गंदा पानी जमा हो जाता है लेकिन, रिकॉर्ड में तालाब नहीं है पर, चेयरमैन और अधिशासी अधिकारी ने आपस में सांठ-गाँठ कर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय आदर्श नगर पंचायत योजना के अंतर्गत तालाब के सौन्दर्यकरण का प्रस्ताव तैयार कर लिया और लगभग पचास लाख रुपया खर्च दर्शा कर हजम कर लिया, इसी तरह एमआरएफ सेंटर के चयन में भी धांधली की गई है।
उन्होंने कहा कि चेयरमैन ने नामांकन पत्र के समय मार्कशीट संलग्न की थी, जिसमें उनकी जन्मतिथि 4 जनवरी 1971 लिखी हुई है, जबकि उनकी बेटी की जन्मतिथि 20 जुलाई 1982 है, वे 11 वर्ष की आयु में माँ बन गई थीं, जो संभव नहीं है, इससे स्पष्ट है कि उन्होंने फर्जी मार्कशीट तैयार की है। जिलाध्यक्ष ने दावा किया कि नगर पंचायत गुलड़िया में सिर्फ भ्रष्टाचार और मनमानी की जा रही है। चेयरमैन से ईओ और निचले स्तर के अधिकारी भी मिले हुए हैं, जिससे शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं होती।
एवाईडब्ल्यू के जिलाध्यक्ष मुकुल प्रताप सिंह ने कहा कि उनके पास चेयरमैन और ईओ की मनमानी करने के तमाम साक्ष्य हैं, इनके विरुद्ध कार्रवाई कराने की रणनीति बनाई जा रही है। अफसरों ने त्वरित कार्रवाई नहीं की तो, एवाईडब्ल्यू आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि जहाँ भी भ्रष्टाचार का बोलबाला है, वहां एवाईडब्ल्यू कार्रवाई करायेगी।
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