बदायूं जिले के अभिवावकों को खुलेआम मूर्ख बना कर लूटा जा रहा है। अभिवावक खून-पसीने की कमाई निजी स्कूलों में इसलिए खर्च करते हैं कि उनकी संतान को अच्छी शिक्षा के साथ बेहतर वातावरण भी मिल सके पर, निजी स्कूल द्वारा नौनिहालों से मजदूरी कराई जा रही है। नौनिहालों की जान को खतरा भी है पर, प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है।
सनसनीखेज प्रकरण कस्बा अलापुर में स्थित ग्रीन वैली स्कूल का है, यहाँ का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें बच्चे दोना बनाते दिख रहे हैं। दोना बनाने की मशीन कंप्यूटर क्लास में लगी है। कंप्यूटर की क्लास में एक ओर कुछ कंप्यूटर रखे हैं एवं दूसरी ओर दोना बनाने की मशीन लगी है। कंप्यूटर के पीरियड में छोटे-छोटे बच्चों को मशीन पर जुटा दिया जाता है। छोटे-छोटे छात्र मशीन पर दोना बनाते दिख रहे हैं, जबकि यह सब जानलेवा भी हो सकता है।
छात्रों के बराबर में प्रतिबंधित लाल सिलेंडर भी रखा है, इसके अलावा स्कूल के अंदर कंप्यूटर क्लास में दोना बनाने की मशीन लगाना ही अवैध है। स्पष्ट है कि स्कूल के बिजली कनेक्शन पर ही मशीन चलाई जा रही है। बिजली चोरी के साथ स्कूल परिसर में व्यवसाय किया जाना भी नियमों के विरुद्ध है। नियम विरुद्ध लगाई गई मशीन पर छात्रों से काम कराया जाता है, जिससे मजदूरी भी बचाई जा रही है। स्कूल मालिक द्वारा एक साथ कई नियम तोड़े जा रहे हैं लेकिन, शिक्षा विभाग के साथ प्रशासनिक अफसरों पर भी कोई असर नहीं है। दोना बनाते समय किसी छात्र के साथ कोई हादसा हो गया तो, अफसरों को जवाब नहीं दे मिलेगा।
दुःखद बात यह है कि मध्यम श्रेणी के अभिवावक अपनी खून-पसीने की कमाई से निजी स्कूलों की फीस इसलिए भरते हैं कि उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ बेहतर वातावरण भी मिल सके लेकिन, ग्रीन वैली स्कूल द्वारा उनके बच्चों की जान जोखिम में डालते हुए मजदूर बनाया जा रहा है, ऐसे में एक बार अभिवावकों को भी विचार करना चाहिए।
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