बदायूं जिले की तहसील सहसवान क्षेत्र के गाँव रसूलपुर डांस निवासी दलित युवक हरवीर ने कानूनगो और एसडीएम से तंग आकर तहसील प्रांगण में ही विषाक्त पदार्थ खा लिया था, जिससे उसकी मृत्यु हो गई थी। मृतक हरवीर की कॉल रिकॉर्डिंग वायरल हुई थी, साथ ही उसने सुसाइड नोट भी छोड़ा था। घटना के बाद पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया था। भाजपा और सपा नेताओं ने घटना के बहाने अपना चेहरा जमकर चमकाया था लेकिन, अब कोई नेता यह तक जानने का प्रयास नहीं कर रहा कि विधवा छोटे-छोटे बच्चों के साथ किस हाल में है। हालात इतने भयावह हैं कि आरोपी एसडीएम को हटाया तक नहीं गया है।
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उल्लेखनीय है कि मृतक हरवीर से एसडीएम ने अभद्रता की थी, जिससे आहत होकर उसने 6 फरवरी को तहसील प्रांगण में ही विषाक्त पदार्थ खा लिया था। मृतक पट्टे की भूमि को संक्रमणीय कराने का प्रयास कर रहा था पर, भ्रष्टाचार के चलते अफसर उसके प्रार्थना पत्र को इधर-उधर टरका देते थे, साथ ही एसडीएम पर अभद्रता करने का गंभीर आरोप लगाया गया था, इसी से तंग आकर हरवीर ने जान दे दी थी।
घटना के बाद पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया था। भाजपा नेता मृतक परिवार को राहत दिलाने के बड़े-बड़े वादे कर रहे थे, साथ ही सपा नेताओं ने भी जमकर चेहरा चमकाने का प्रयास किया था। राहत तो दूर की बात है मृतक के आश्रितों का कोई हाल पूछने नहीं जाता अब, जबकि मृतक की पत्नी छोटे बच्चों के साथ बमुश्किल जीवन यापन कर रही है, वो अफसरों के साथ पक्ष और विपक्ष के नेताओं से भी आहत है, उसने मुख्यमंत्री से राहत दिलाने और कार्रवाई कराने की मांग की है।
मृतक की विधवा के साथ मृतक के भाई और चाचा ने भी गौतम संदेश से बात करते हुए कहा कि अफसरों से लगातार मिल रहे हैं पर, आरोपियों के विरुद्ध न कोई कार्रवाई की जा रही है और न ही राहत दी जा रही है। हालात इतने भयावह हैं कि आरोपी एसडीएम को हटाया तक नहीं गया है। मृतक आश्रितों को आर्थिक सहायता न मिलने से और आरोपियों पर कार्रवाई न होने से पुलिस-प्रशासन के साथ सरकार की भी छवि खराब हो रही है।
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