बदायूं जिले के बिल्सी तहसील क्षेत्र में बाइक पर घूम कर अवैध रूप उगाही करने वाले ठग पत्रकारों का गिरोह बेहद बुरी अवस्था में पहुंच गया है। सरगना ने कई दिनों से भोजन नहीं किया है। पागल बेटे की बहू को पत्नी की तरह रखने वाला सरगना तीन दिन से बहू की ओर भी नहीं देख रहा है। नगर में चरित्र और कुकर्मों का खुलासा होने से साथी ठग भी भूमिगत हो गया है।
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आस-पास के लोगों के बीच चरित्र का खुलासा होने से पड़ोसी सरगना पर नजर रखे हुए हैं, जिससे सरगना अब पागल बेटे की बहू की ओर देख भी नहीं रहा है। बताया जा रहा है कि सरगना ने पिछले कई दिनों से खाना तक नहीं खाया है, जिससे मुंह कुत्ते से भी बदतर हो गया है। सरगना से लोग घृणा करने लगे हैं लेकिन, इसकी आँखों का पानी मर गया है, वरना शर्मदार व्यक्ति इतना होने पर आत्म हत्या कर लेता।
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उल्लेखनीय है कि गौतम संदेश खुलासा कर चुका है कि ठग पत्रकारों के गिरोह का सरगना गे है, जो साथी ठग से अपनी हवस बुझवाता है। सरगना का बड़ा बेटा पागल है, उसकी पत्नी से सरगना के अनैतिक संबंध हैं, साथ ही चरित्रहीन सरगना ने छोटे बेटे की पत्नी पर भी बुरी नजर डाली थी तो, उसने जान दे दी थी, जिसके बाद एक गरीब परिवार को फंसा कर सरगना ने बेटे की पुनः शादी करा दी। कुकर्मों के चलते सरगना का बड़ा बेटा पागल है और खुद की पत्नी मर चुकी है।
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गौतम संदेश यह भी बता चुका है कि सरगना एक प्रतिष्ठित अखबार में रहते हुए जीवन भर अवैध वसूली करता रहा, एक धर्मशाला में रह कर औरों के टुकड़ों पर पलता रहा, इसके बाद एक प्लॉट कब्जाने का प्रयास करने लगा तो, अखबार ने मुंह काला कर के आउट कर दिया, इसके बाद सरगना लखनऊ के एक चर्चित दलाल की सिफारिश पर एक टीवी चैनल की आईडी ले आया, जिसके दो हजार रूपये वसूल कर बेरोजगार युवाओं को संवाद सूत्र बनाने लगा, यह बात चैनल के संज्ञान में पहुंची तो, चैनल ने भी सरगना को कुत्ते की तरह दुत्कार दिया। सरगना चैनल की आईडी से ही अवैध वसूली करते रहना चाहता था, जिससे आईडी वापस नहीं कर रहा था तो, चैनल की ओर से मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी दी गई, इसके बाद सरगना ने आईडी कोरियर से वापस भेजी।
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अखबार में रहते हुए पीसीआई सरगना को दोषी करार दे चुका है। अखबार और चैनल से आउट होने के बाद सरगना पत्रकारों के आस-पास बैठने लायक भी नहीं रहा तो, चुनाव लड़ने का सपना देख रहे एक प्रत्याशी से कुछ रूपये ठगे एवं कुछ रूपये बेरोजगार युवाओं से ठगे और फिर एक घटिया सा पोर्टल बनवा लिया। साथी ठग की मदद से सरगना कोटेदारों, भट्टा स्वामियों, सरकारी स्कूलों के अध्यापकों और निजी स्कूलों के प्रबंधकों को ठगने का प्रयास करने लगा। गौतम संदेश ने गिरोह की ठगई का खुलासा कर दिया तो, क्षेत्र के लोग सतर्क हो गये, सरगना अब कहीं छापा मारेगा तो, अब पिटने से कोई नहीं बचा पायेगा, जिससे सरगना और उसका साथी ठग पगला गये हैं।
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गौतम संदेश यह भी बता चुका है कि गिरोह ने निकाय चुनाव में सरगना के चुनाव लड़ने की अफवाह फैलाई थी। एक प्रत्याशी ने सरगना को पांच हजार रूपये दे दिए थे, जिसके बाद सरगना और उसके साथी ठग ने मौन धारण कर लिया था। सरगना ने पूरी जिंदगी इसी तरह गुजारी है, जिसका दुष्परिणाम सरगना अब भुगत रहा है। पत्नी की मौत और अख़बारों से ब्लॉक होने के बाद अब पागल बेटे को दिन भर निहारता रहता है, इसके साथ रहे लोगों का कहना है कि यह कीड़े पड़े बिना नहीं मरेगा, वहीं सरगना के साथ काम कर चुके एक पत्रकार ने व्यंग्य किया कि बुझे हुए चिराग में ऊर्जा खर्च मत करो, उसमें कुछ नहीं बचा है, पड़ा रहने दो गर्त में लेकिन, गौतम संदेश पत्रकारिता में गंदगी फैलाने वाले इन सूअरों को टिकने नहीं देगा।
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सरगना पर कई तरह की कहावतें चरितार्थ होती हैं, जैसे यह वो रंडी है, जो दुनिया पर कीचड़ उछाल सकती है पर, अपनी नाक पर मक्खी नहीं बैठने देती, जबकि सच दुनिया जानती है, इसकी ठगई के इतने किस्से हैं, जिन पर कई किग्रा की किताब लिखी जा सकती है। फिलहाल एक शायर की दो लाइनों के साथ बात खत्म … लहजे में बदजुबानी चेहरे पर नकाब लिए फिरते हैं, जिनके खुद के बही खाते बिगड़े हैं, वे औरों का हिसाब लिए फिरते हैं।
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