बदायूं जिले में भारतीय जनता पार्टी कारगिल के हीरो के परिवार को सम्मान देने को तैयार नहीं दिख रही है। शहीद की पत्नी के विरुद्ध न सिर्फ प्रत्याशी उतारने को तत्पर है बल्कि, पुलिस को भी हथियार बनाया जा रहा है। शहीद की पत्नी को यथोचित सम्मान न देने के कारण हजारों लोग आलोचना करते देखे जा रहे हैं।
बिसौली तहसील क्षेत्र में स्थित गाँव इटउआ निवासी महीपाल सिंह के पुत्र लांस नायक हरिओम सिंह 1 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध में शहीद हो गये थे। नौ पैरा रेजीमेंट के कमांडो हरिओम सिंह के असमय जाने के समय बच्चे बहुत छोटे थे। पत्नी गुड्डो देवी ने पति की यादों के साथ स्वयं की संपूर्ण ऊर्जा बच्चों पर जुटा दी, उन्होंने बच्चों को लायक बनाने के कारण सब कुछ त्याग दिया, सब कुछ भुला दिया।
अब बच्चे युवा हो गये हैं। बच्चों के पैरों पर खड़ा होते ही गुड्डो देवी को लगा कि वे अब शहीद पति के नाम को और सम्मान दिलाने की दिशा में कार्य कर सकती हैं। गुड्डो देवी सामाजिक कार्यों में सक्रिय हो गईं। पंचायत चुनाव आये तो, उन्होंने क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के लिए आवेदन कर दिया, वे निर्विरोध निर्वाचित हो गईं, वे अब क्षेत्र पंचायत प्रमुख का चुनाव लड़ना चाहती हैं, क्षेत्र के लाखों लोगों की इच्छा है कि वे ब्लॉक प्रमुख बन कर क्षेत्र की सेवा करें पर, शहीदों के नाम पर राजनीति करने वाली भारतीय जनता पार्टी उन्हें सम्मान देने को तैयार नहीं दिख रही है।
सूत्रों का कहना है कि कुछेक लोग क्षेत्र पंचायत सदस्यों को पुलिस के द्वारा धमकी दिलवा रहे हैं, जबकि शहीद की पत्नी को निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख बनवा कर देश भर में भाजपा द्वारा उदाहरण पेश किया जा सकता था। कारगिल के हीरो हरिओम सिंह से क्षेत्र की जनता का भावनात्मक लगाव है, उनकी पत्नी को यथोचित सम्मान नहीं मिला तो, न सिर्फ क्षेत्र में बल्कि, आस-पास भी भाजपा को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। क्षेत्र में यह सवाल आम हो गया है कि भाजपा अमर शहीद की पत्नी को सम्मान नहीं दे सकती क्या?
(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं, साथ ही वीडियो देखने के लिए गौतम संदेश चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं)