बदायूं जिले में भी फिल्म पद्मावत को लेकर विरोध तेज हो गया है। तमाम सामाजिक और क्षत्रिय संगठनों के साथ वकील भी सामने आ गये हैं। राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को ज्ञापन देकर वकीलों ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
जिले भर में तमाम सामाजिक और क्षत्रिय संगठनों ने फिल्म पद्मावत के विरूद्ध प्रदर्शन किया और फिल्म पर रोक लगाने की मांग दोहराई। तहसील बार एसोसियेशन बिल्सी के वकील भी खुल कर फिल्म के विरोध में खड़े हो गये हैं। बिल्सी तहसील बार के तमाम वकीलों ने एसडीएम को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंप कर फिल्म पद्मावत पर रोक लगाने की मांग की है। वकीलों द्वारा दिए गये ज्ञापन में कहा गया है कि देश-विदेश में विदित है कि चित्तौड़ की महारानी पद्मावती ने 16 हजार क्षत्राणियों के साथ जौहर किया था, जिस पर संजय लीला भंसाली द्वारा फिल्म बनाई गई है, वह देवी स्वरूप रानियों की अस्मिता से खिलवाड़ है।
ज्ञापन में कहा गया है कि रानी को नर्तकी की भांति दिखाने का प्रयास किया गया है, जो क्षत्रिय समाज पर कुठाराघात है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में धर्म, जाति और आस्था पर चोट नहीं की जा सकती। महारानी पद्मावती को न सिर्फ क्षत्रिय समाज, बल्कि संपूर्ण समाज आस्था की दृष्टि से देखता है, इसलिए जनहित में फिल्म पद्मावत पर रोक लगानी चाहिए।
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