बदायूं के प्राचीन सूरजकुंड को लेकर भी राजनैतिक विवाद शुरू हो गया है। सूरजकुंड का समाजवादी पार्टी की सरकार में नामकरण कर शिलान्यास किया गया था लेकिन, भाजपा सरकार में नाम बदल कर पुनः शिलान्यास कर दिया गया है, जिस पर मौर्य, शाक्य, कुशवाह, सैनी समाज ने रोष व्यक्त किया है।
दातागंज तिराहे के निकट गाँव मझिया में प्राचीन सूरजकुंड स्थित है। समाजवादी पार्टी की सरकार में सांसद धर्मेन्द्र यादव के प्रयासों से सूरजकुंड सम्राट अशोक बुद्ध पर्यटक स्थल की स्थापना करते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा शिलान्यास कराया गया था एवं सौन्दर्यकरण शुरू किया गया था। प्राचीन स्थल के सौन्दर्यकरण से समाज का हर वर्ग खुश हुआ था। सूरजकुंड सम्राट अशोक बुद्ध पर्यटक स्थल को प्रांतीय और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का सांसद धर्मेन्द्र यादव का सपना था लेकिन, विधान सभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी की जगह भाजपा की सरकार बन गई।
भाजपा की सरकार में पुनः शिलान्यास कर सूरजकुंड नाम दे दिया गया। सूरजकुंड से सम्राट अशोक बुद्ध पर्यटक स्थल नाम हटा दिया गया, जिससे मौर्य, शाक्य, कुशवाह, सैनी समाज के लोग आक्रोशित हैं। युवा सपा नेता रवीन्द्र शाक्य के नेतृत्व में तमाम लोग जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह से मिले और रोष प्रकट करते हुए सूरजकुंड नाम में सम्राट अशोक बुद्ध पर्यटक स्थल जोड़ने एवं बिन्दुवार सौन्दर्यकरण कराने का पत्र सौंपा।
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