बदायूं जिले में भारतीय मुद्रा का घोटाला खुलेआम हो रहा है। अपराध और घोटाला पुलिस-प्रशासन के संज्ञान में है लेकिन, अपराधियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। घोटाले में बैंकों के अधिकारी संलिप्त बताये जा रहे हैं। पुलिस-प्रशासन ने एक्शन लिया तो, अपराधियों के साथ बैंक अधिकारी भी कार्रवाई से बच नहीं पायेंगे।
शहर में तमाम स्थानों पर 20% अधिक मूल्य पर रूपये बेचे जा रहे हैं। जी हाँ, नये नोटों की गड्डियां खुलेआम बेची जा रही हैं। शहर में कई स्थानों पर नये नोटों की गड्डियां बेची जा रही हैं। 10 रूपये के नोटों की गड्डी 1200 रूपये में बेची जा रही है, इसके अलावा नोटों के साथ छेड़-छाड़ भी की जा रही है। नये नोटों में पिन लगा कर मालायें बनाई जा रही हैं, जो सड़क किनारे लटका कर खुलेआम बेची जा रही हैं। 1000 रूपये के नोटों की माला 1500 रूपये में बेची जा रही है, इन मालाओं पर पुलिस-प्रशासन के अफसरों की भी नजर पड़ती होगी पर, पुलिस-प्रशासन के अधिकारी ऐसे लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं करते।
सूत्रों का कहना है कि नकदी को संतुलित रखने का अधिकार भारतीय रिजर्व बैंक जिले में चुनिंदा बैंकों को देता है। जिले में भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नैशनल बैंक में करेंटी चेस्ट बनाये गये हैं, जहाँ सीधे नोट आते हैं। करेंटी चेस्ट से अन्य बैंकों को नोट भेजे जाते हैं पर, सूत्रों का कहना है कि अन्य बैंकों को नये नोट लंबे समय से नहीं दिए गये हैं। करेंटी चेस्ट संभालने वाले अधिकारी नये नोट ऐसे लोगों को बेच देते हैं, जो माला बनाने का धंधा करते हैं, ऐसे लोगों से ही शादी वगैरह के समय लोग 20% अधिक मूल्य देकर नोटों की गड्डियां खरीदते हैं, जबकि अधिक मूल्य पर नोट बेचना और नोटों के साथ छेड़-छाड़ करना गंभीर अपराध है।
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