बदायूं के तेजतर्रार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चन्द्रप्रकाश जिले की कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं, लेकिन राजनैतिक संरक्षण के चलते कुछेक थाना प्रभारी मनमानी कर रहे हैं, जिससे समूचे पुलिस विभाग की ही फजीहत हो जाती है। अपराधियों में दहशत कायम कर चुके सब-इन्स्पेक्टर राकेश चौहान को एसएसपी ने थाना मूसाझाग की कमान सौंप दी है, वहीं अकाल मौत झेल रहे थाना वजीरगंज को इस बार एसएसपी ने अमृत लाल के हवाले किया है।
उल्लेखनीय है कि थाना वजीरगंज में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या- 1111/17 धारा- 341/323/504/506 आईपीसी को लेकर थाना पुलिस ने उच्चाधिकारियों को बताये बिना बरेली जिले में स्थित थाना अलीगंज क्षेत्र के गाँव खटेटा में दबिश दी थी। पुलिस की मनमानी के चलते गाँव खटेटा के लोग लामबंद हो गये थे और पुलिस को बंधक बना लिया था। किसी तरह बच कर पुलिस लौट तो पाई, लेकिन इस प्रकरण को तेजतर्रार एसएसपी चन्द्रप्रकाश ने गंभीरता से लिया और एसएसपी ने थाना अध्यक्ष वजीरगंज ओमकार सिंह, विवेचक लोकेन्द्र पाल सिंह, हेड कांस्टेबिल समय पाल सिंह, कांस्टेबिल मोनू नैन तथा कांस्टेबिल हरगोविन्द तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिये थे, साथ ही निकाय चुनाव के दौरान ओमकार सिंह ने जमकर गुंडई की थी, वे मनमानी के चलते निशाने पर थे। ओमकार सिंह का निलंबन होने के कारण 17 दिसंबर से थानाध्यक्ष का पद रिक्त था।
इससे पहले 25 सितंबर को क्षेत्र में बड़ा जूआ कराने के चलते तेजतर्रार एसएसपी चन्द्रप्रकाश ने एसओ रघुराज को वजीरगंज से निलंबित किया था, इसके अलावा राजेश कश्यप को लाइन हाजिर किया गया था, जिससे चर्चा है कि थाना प्रभारियों की अकाल मौत के चलते तेजतर्रार एसएसपी ने अनुभवी अमृत लाल को वजीरगंज की कमान सौंपी है।
(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं, साथ ही वीडियो देखने के लिए गौतम संदेश चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं)
पढ़ें: चुनाव में गुंडई करने वाले एसओ वजीरगंज सहित कई निलंबित
पढ़ें: दशहरा के दिन कप्तान ने किया बुराई का अंत, भ्रष्ट एसओ लाइन हाजिर