बच्चों से मना करने वाले गुरु जी को नहीं है पॉलीथिन से परहेज

बच्चों से मना करने वाले गुरु जी को नहीं है पॉलीथिन से परहेज

बदायूं शहर में एक फोटो जमकर शेयर किया जा रहा है। वायरल हुए फोटो पर लोग तरह-तरह के कमेन्ट करते दिखाई दे रहे हैं। छात्रों को दी जा रही शिक्षा और व्यवहार में बड़ा अंतर होने के चलते ही समाज में सुधार नहीं हो पा रहा है, जिससे हर नियम-कानून की धज्जियां उड़ रही हैं।

उत्तर प्रदेश में पॉलीथिन प्रतिबंधित होने के बाद बड़े स्तर पर प्रत्येक जिले में जागरूकता अभियान चलाया गया। बदायूं के डीएम दिनेश कुमार सिंह ने भी विशेष प्रयास किये और स्कूल-कॉलेज को अभियान में शामिल किया। शिक्षकों से आह्वान किया कि वे रैलियां निकालें और बच्चों को प्रेरित करें। शिक्षकों ने छात्र-छात्राओं को प्लास्टिक के दुष्प्रभाव भी बताये लेकिन, अभियान चलाने वालों ने स्वयं में कोई सुधार नहीं किया, जिससे बच्चों को लग रहा है कि अभियान बकवास था।

बचपन में ही महात्मा गाँधी वाली कहानी हर बच्चे को सुना दी जाती है। महात्मा गाँधी ने बच्चे से गुड़ खाने को तभी मना किया जब, उन्होंने स्वयं गुड़ खाना बंद कर दिया, ऐसे पात्र अब नहीं दिखते, इसीलिए बच्चों पर शिक्षा बेअसर साबित हो रही है। बच्चों से कहा जाता है कि पान मसाला खाना, सिगरेट, शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है लेकिन, कहने वाला ही पी रहा होता है तो, सुनने वाले बच्चे को लगता है कि यह बातें सिर्फ कहने और सुनने भर को ही होती हैं, इसीलिए समाज निरंतर गर्त में जा रहा है।

खैर, बात थी वायरल फोटो की। एक फोटो सामने आया है, जिसमें श्रीकृष्ण इंटर कॉलेज के शिक्षक कमलकांत बताये जा रहे हैं, जो एक दुकान से सामान खरीदते दिख रहे हैं, इसमें महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि सामान पॉलीथिन में भरा हुआ है, जिन्हें वे स्वयं संभाल कर रख रहे हैं, जबकि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। घर से थैला लेकर जाना चाहिए था और दुकानदार से भी कहना चाहिए था कि प्रतिबंध के बावजूद पॉलीथिन रखना दंडनीय अपराध है पर, उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया, इसीलिए उनका फोटो चर्चा का विषय बना हुआ है।

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