बदायूं जिले को वर्ष- 2018 खट्टी-मीठी और कड़वी यादें देकर जा रहा है। कई सारी घटनायें ऐसी हुईं, जिन्हें भुला पाना मुश्किल होगा, वहीं कई सारे कार्य ऐसे भी हुए हैं, जो जिले के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित किये जायेंगे। बात वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार की करें तो, उनके कार्यकाल में हुए महत्वपूर्ण कार्यों को भुला पाना मुश्किल होगा।
एसएसपी का प्रमुख कार्य कानून व्यवस्था को बेहतर बनाये रखने का होता है। नये एसएसपी के लिए एक-दो माह जिले की भौगोलिक और आपराधिक स्थिति समझने में गुजर जाते हैं। अशोक कुमार पूर्व में एएसपी (सिटी) रह चुके हैं, इसलिए उन्होंने आते ही बल्लेबाजी शुरू कर दी। थानेदारों को बदलने की जगह उनसे ही बेहतर परिणाम लेने में जुट गये। लापरवाही और भ्रष्टाचार की सीमाओं को पार करने वालों को पैदल करने में भी देर नहीं लगाई।
सर्वाधिक भ्रष्टाचार शिकायतों और विवेचनाओं में ही होता है, इसके लिए उन्होंने अपने स्तर से मजबूत तंत्र स्थापित किया। शिकायतों के निस्तारण में पुलिस विभाग लगातार प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त कर रहा है, वहीं विवेचनाओं के प्रकरण में नया ट्रेंड शुरू हुआ है, जिसे प्रदेश स्तर पर भी सराहा गया है। एसएसपी पारदर्शी विवेचना कराने का प्रयास करते हैं और फिर दोष मुक्त लोगों के नाम थाने के नोटिस बोर्ड, सोशल साइट्स एवं मीडिया में भी प्रमुखता से प्रकाशित कराने का प्रयास करते हैं, उनका प्रयास रहता है कि निर्दोष व्यक्ति से विवेचक रूपये न ठग पाये, फिर भी इतने बड़े तंत्र में दो-चार भ्रष्ट छुपने में सफल हो ही जाते हैं पर, बात भ्रष्टाचारियों की नहीं बल्कि, एसएसपी के जनहित में किये जा रहे कार्यों की है, जिसकी हर कोई प्रशंसा करता नजर आता है।
इस सबके अलावा एसएसपी अशोक कुमार छापामार कार्रवाई भी करते रहते हैं, साथ ही भेष बदल कर सड़क पर निकलते रहते हैं। सड़क हादसों से व्यथित हुए तो, व्यक्तिगत स्तर पर पहल कर हजारों हेल्मेट वितरित करवा चुके हैं और लगातार गोष्ठी वगैरह आयोजित करवा कर लोगों को सुरक्षित यातायात के लिए प्रेरित करते रहते हैं।
पुलिस मुख्यालय और पुलिस लाइन की हालत अस्तबल सी थी, सब कुछ अस्त-व्यस्त था, इस ओर उनका ध्यान गया तो, कार्यालय को व्यवस्थित करवा दिया। दोनों मुख्य द्वारों का पुनर्निर्माण करवा दिया एवं अंदर पार्किंग की व्यवस्था करवा दी, इससे पहले कार्यालय के अंदर चारों दिशाओं में कहीं भी वाहन खड़े रहते थे, अब सब कुछ व्यवस्थित होने से अच्छा लगता है, इसी तरह पुलिस लाइन की व्यवस्था भी बेहतरीन करवा दी है। एसएसपी अशोक कुमार ने पेयजल की व्यवस्था, एसी सैलून, बास्केटवॉल कोड एवं महिला पुलिस कर्मियों के लिए मदर केयर यूनिट की स्थापना कराई है। थाना सिविल लाइन और पुलिस कार्यालय को गुणवत्ता के चलते आईएसओ प्रमाण पत्र भी मिल चुका है, जो स्वयं भी बड़ी बात है।
उक्त कार्य एसएसपी के कार्य क्षेत्र में ही आते हैं लेकिन, अशोक कुमार ने कार्य क्षेत्र से बाहर निकल कर भी कई कार्य किये हैं, जिससे शहर चैन से साँस ले पा रहा है। जेल तिराहे पर ऐसा मोड़ है, जहाँ से सामान्य से बड़ा ट्रक नहीं निकल पाता था एवं सुबह के समय अक्सर लंबा जाम लग जाता था, इसी तरह पुलिस लाइन चौराहे के हालात जाम के चलते खराब रहने लगे थे, यह सब एसएसपी अशोक कुमार ने देखा तो, उन्होंने जिलाधिकारी और जनप्रतिनिधियों से वार्ता कर तिराहे और चौराहे को अतिक्रमण मुक्त करने का आग्रह किया। जेल तिराहे पर पुलिस चौकी थी, जिसे सबसे पहले एसएसपी ने इसलिए तुड़वा दिया कि लोग स्वयं अतिक्रमण हटाने को तैयार हो जायें, दोनों स्थानों पर तेजी से कार्य चल रहा है और अब जाम लगना बंद हो गया है, यही कार्य पहले हो गया होता तो, करोड़ों की लागात से बन रहे बाईपास को बनाने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
एसएसपी अशोक कुमार के प्रयासों से हो रहे कुछ कार्यों की जानकारी लोगों तक पहुंच जाती है, तमाम ऐसे कार्य भी हैं, जो आम जनता के सामने नहीं आ पाते। शिकायतें सुनते हुए उन्हें लगता है कि कोई पीड़ित ऐसा है, जिसके घर में एक समय का भोजन पकाने तक के साधन नहीं है तो, चुपके से उसे चार-छः हजार रूपये देते दे हैं, इसी तरह से तमाम लोगों की विभिन्न तरीकों से मदद करते रहते हैं, सो तमाम कड़वी यादों के बीच वर्ष- 2018 एसएसपी अशोक कुमार के बेहतरीन कार्यों के लिए भी जाना जायेगा।
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