बदायूं में शनिवार को तमाम फर्जी नेताओं के चेहरे बेनकाब हो गये। कुछ को अखिलेश यादव ने तवज्जो नहीं दी तो, कुछ को एनएसजी के जवानों ने धकेल दिया। जो लोग स्वयं को अखिलेश यादव का दाहिना हाथ बताते थे, वे आस-पास तक नहीं फटक पाये, जिससे जिले भर में फर्जी नेताओं की फजीहत हो रही है।
पढ़ें: भाजपा की राजनीति शौचालय से शुरू और शौचालय पर ही खत्म: अखिलेश
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को कार्यक्रम के अनुसार बरेली से सपा जिलाध्यक्ष आशीष यादव के बेटे हिमांशु और वधू नेहा को आशीर्वाद देने आना था, वे सीधे कार्यक्रम स्थल पर आ रहे थे। बिनावर में सरवन सिंह के पेट्रोल पंप पर स्वागत के लिए उनके काफिले को रोक लिया गया पर, वे गाड़ी से नहीं उतरे, वहां उपस्थित लोगों ने गुलदस्ते और मालायें फेंक कर अखिलेश यादव तक पहुंचा दीं, यहाँ के बाद उन्हें खेड़ा नबादा पर रोकने का प्रयास किया गया पर, वे नहीं रुके।
असलियत में सपा जिलाध्यक्ष आशीष यादव से ईर्ष्या रखने वाले सांसद धर्मेन्द्र यादव के चहेते एक कथित नेता ने खेड़ा नबादा पर स्वागत करने का अलग से कार्यक्रम बना लिया और फेसबुक पर आह्वान करने लगा, रविवार सुबह से फेसबुक पर फोटो शेयर कराने लगा कि वह अखिलेश यादव का स्वागत करने आया है, इस अपरिपक्व व्यक्ति ने स्वयं के कार्यक्रम को अहमियत देने की नीयत से एक राष्ट्रीय स्तर के बड़े नेता को भी बुला लिया पर, स्वयं के साथ बड़े नेता की भी फजीहत करा दी, क्योंकि अखिलेश यादव का काफिला नहीं रुका।
हास्यास्पद बात यह है कि राष्ट्रीय स्तर का नेता आवाज लगाते हुए करीब सौ मीटर गाड़ियों के पीछे आवाज लगाते हुए दौड़ता भी देखा गया, उसे यह उम्मीद थी कि अखिलेश यादव गाड़ी में अपने बराबर बैठा कर ले जायेंगे पर, काफिला नहीं रुका तो, कार्यकर्ताओं से कहने लगा कि उन पर अखिलेश की नजर नहीं पड़ी शायद। खेड़ा नबादा पर ही एक हाजी जी सुबह से ही टेंट लगाये बैठे थे पर, अखिलेश यादव उधर भी नहीं पहुंच पाये, यहाँ अखिलेश यादव और धर्मेन्द्र यादव को अपशब्द भी कहे गये।
बताया जा रहा है कि विवाह समारोह में आ रहे अखिलेश यादव का सांसद दोहरा लाभ लेना चाहते थे, इसीलिए उन्होंने अपने स्तर से कई सारे लोगों से स्वागत वगैरह करने को कह दिया था पर, अखिलेश यादव ने किसी को तवज्जो नहीं दी, साथ ही जिले के कथित बड़े नेता, तमाम चेयरमैन, पूर्व चेयरमैन, ब्लॉक प्रमुख, पूर्व ब्लॉक प्रमुख, पूर्व व वर्तमान जिला पंचायत सदस्य भी अखिलेश यादव के साथ बैठ कर फोटो खिंचवाने को उतावले थे पर, जो भी आस-पास पहुंचा, उसे एनएसजी के जवानों ने उठा कर फेंक दिया, एक सब-इंस्पेक्टर भी जवानों का शिकार हो गया।
उधर आबिद रजा पर अनुशासनहीनता को लेकर कार्रवाई करने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि वे चाहते हैं कि अनुशासनहीनता करने वाला अनुशासनहीनता ही करता रहे, कार्यकर्ता, नेता, जनता जान जायेगी कि यह अलग तरह के लोग हैं। आगे बोले कि कब किसे प्यार करना है, कब किस पर कार्रवाई करना है, यह उन पर छोड़ दो, वे भी कार्रवाई कर के थक गये हैं।
यह भी बता दें कि आबिद रजा ने आजम खान के फोटो का मुद्दा उठाया था, सो पोस्टर पर आजम खान तो आ गये लेकिन, आबिद रजा का फोटो गायब हो गया। आबिद रजा कार्यक्रम से गायब थे, इसके पीछे माना जा रहा है कि आजम खान के न आने के चलते आबिद रजा कार्यक्रम से किनारा गये।
(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं, साथ ही वीडियो देखने के लिए गौतम संदेश चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं)