धर्मेन्द्र यादव सही हैं या, आबिद रजा? वोट देकर पोल में शामिल हों

धर्मेन्द्र यादव सही हैं या, आबिद रजा? वोट देकर पोल में शामिल हों

बदायूं जिले की समाजवादी पार्टी का परोक्ष एवं अपरोक्ष रूप से पारा चढ़ा हुआ है। पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा सांसद धर्मेन्द्र यादव से नाराज बताये जा रहे हैं। हालाँकि उन्होंने सार्वजनिक रूप से नाराजगी का इजहार नहीं किया है लेकिन, उनके समर्थक सांसद धर्मेन्द्र यादव के विरुद्ध मोर्चा खोले हुए हैं।

आबिद रजा के समर्थकों ने कई जगह सांसद धर्मेन्द्र यादव के विरुद्ध प्रदर्शन किया और पुतला भी फूंका, इसकी प्रतिक्रिया में सांसद धर्मेन्द्र यादव के समर्थकों ने भी आबिद रजा के विरुद्ध प्रदर्शन किया और पुतला फूंका। बात बढ़ने लगी तो, सांसद ने अपने समर्थकों से प्रदर्शन करने को मना कर दिया। सांसद ने भी आबिद रजा के विरुद्ध अभी तक कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है, फिर भी दोनों तरफ से तलवारें खिंची हुई नजर आ रही हैं।

आबिद रजा मुस्लिम जागरूकता अभियान चला रहे हैं, जिसे वे व्यक्तिगत रूचि बताते हैं लेकिन, सांसद समर्थक अभियान को सांसद के विरोध में मान रहे हैं, इस सबके बीच में आबिद रजा का विवादित भवन प्रशासन द्वारा गिरा दिया गया, जिसे आबिद रजा के समर्थकों ने सांसद और भाजपा नेताओं की मिलीभगत से की गई कार्रवाई माना, इसी दौरान रामेश्वर यादव नाम के एक फेसबुक यूजर ने इन दोनों की जंग में घी डालने वाला निंदनीय कमेंट कर दिया, जिसमें पैगंबर, धर्म और छोटे-बड़े सरकार के संबंध में अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया, इस कमेंट को भी धर्मेन्द्र यादव और आबिद रजा की अघोषित जंग का हिस्सा माना जा रहा है। आरोपी रामेश्वर यादव सपा के वरिष्ठ नेताओं को भी गालियाँ दे चुका है।

उक्त प्रकरण न सिर्फ समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है बल्कि, अन्य दलों के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ आम जनता के बीच भी बहस का मुद्दा बना हुआ है। पूरे प्रकरण में लोग यह समझ ही नहीं पा रहे हैं कि कौन सही है और कौन गलत?, सो गौतम संदेश स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास कर रहा है। आम जनता भी चाहती है कि स्थिति स्पष्ट हो, इसलिए आम जनता को ही भागीदार बनाने के लिए गौतम संदेश पहल कर रहा है। कोई भी व्यक्ति अपने वोट के माध्यम से अपनी राय दे सकता है। सवाल के साथ कई विकल्प दिए जा रहे हैं, जिनमें से किसी एक विकल्प को पाठक चुन सकते हैं। वोट देने वाले की पहचान उजागर नहीं होगी, इसलिए वोट निःसंकोच दे सकते हैं। 20 नवंबर रात 12 बजे तक राय दी जा सकती है। 20 नवंबर रात 12 बजे के बाद ऑन लाइन और ऑफ लाइन आये परिणाम को प्रतिशत के रूप में प्रकाशित किया जायेगा।

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