बदायूं जिले में राजनैतिक हालात तेजी से बदल रहे हैं। लोग समझ ही नहीं पा रहे हैं कि क्या चल रहा है। राजनीति में रूचि रखने वाले कयास लगा रहे हैं और हालातों पर पैनी नजर रखे हुए हैं। रविवार की घटनाओं के चलते राजनैतिक चर्चाओं का बाजार एक बार फिर गर्मा गया है।
जी हाँ, पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा राजनैतिक मुस्लिम जागरूकता अभियान चला रहे हैं। मुस्लिमों को जागरूक करने के लिए वे शहर के साथ जिले भर में जा रहे हैं। गाँवों और कस्बों में जाकर मुस्लिमों को राजनैतिक रूप से जागरूक होने के सुझाव दे रहे हैं। जनप्रतिनिधियों से हिसाब मांगने की बात कर रहे हैं, जिससे उनका अभियान चर्चा का विषय बना हुआ है, उनके अभियान के मायने निकाले जा रहे हैं, जबकि आबिद रजा अब तक यही कहते रहे हैं कि जैसे अन्य तमाम लोग अपनी जातियों और धर्मों के कार्यक्रम करते हैं, वह भी वैसे ही अभियान चला रहे हैं, इसके राजनैतिक मायने न निकाले जायें।
रविवार को कुछ अलग तरह का घटनाक्रम हुआ तो, चर्चायें एक बार फिर गर्म हो गईं। सांसद धर्मेन्द्र यादव रविवार को लोकसभा क्षेत्र में दौरे पर पहुंचे, इस दौरान कस्बा उझानी से कार्यक्रमों की शुरुआत करने के बाद वे बिल्सी और बिसौली होते हुए कस्बा वजीरगंज पहुंचे। विधान सभा क्षेत्रों में भ्रमण के दौरान संबंधित पूर्व विधायक भी सांसद के साथ रहे लेकिन, कस्बा वजीरगंज में सांसद ने अलग कार्यक्रमों में भाग लिया और आबिद रजा अलग कार्यक्रमों में व्यस्त रहे। नगर पंचायत में अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ चुके सपा-बसपा प्रत्याशियों के यहाँ भी आबिद रजा मौजूद रहे, साथ ही सांसद प्रतिनिधि उमर कुरैशी देर शाम तक आबिद रजा के साथ रहे, इसके बाद वे सांसद के कार्यक्रमों में भी रहे।
कस्बा वजीरगंज में सांसद के कार्यक्रमों में आबिद रजा का शामिल न होना एवं उनसे अलग कार्यक्रम करने की बात सार्वजनिक हुई तो, यह सब चर्चा का विषय बन गया। बदायूं विधान सभा क्षेत्र में अभी तक बूथ स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन भी नहीं हुआ है, साथ ही 23 अक्टूबर को आबिद रजा के निमंत्रण पर प्रदेश के चुनिंदा मुस्लिम नेता आ रहे हैं, जो आजम खान के नेतृत्व में रणनीति बनायेंगे, जिससे एक बार फिर लोग कई तरह की बातें करने लगे हैं, इस सबको लेकर सांसद की अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, वे जनता के बीच विकास और भाईचारे की बातों के साथ भाजपा पर हमला करने के अलावा और कुछ नहीं कहते हैं।
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