बदायूं जिले में प्रांतीय आह्वान पर समाजवादी पार्टी ने “समाजवादी किसान घेरा” कार्यक्रम के अंतर्गत अलाव पर चौपाल लगा कर किसानों से वार्ता की, उनकी समस्याओं को सुना और भाजपा सरकार की नीतियों को किसान विरोधी बता कर जागरूक किया। सपा नेताओं ने देर रात तक अलाव जलवा कर किसानों के साथ चर्चा की, वहीं गाँव रसूलपुर में सपा जिलाध्यक्ष प्रेमपाल सिंह यादव के विरूद्ध जमकर नारेबाजी होने से आयोजकों की फजीहत भी हो गई।
समाजवादी पार्टी के नेता धर्मेन्द्र यादव ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के अनुसार बिसौली विधान सभा क्षेत्र के ग्राम सिसईया, बदायूं विधान सभा क्षेत्र के ग्राम सिलहरी, लाही फरीदपुर, रसूलपुर और सैमर मई में लगाई गई चौपाल में किसानों की समस्याओं को सुना। ग्राम सिसईया में उपस्थित जन-समूह को संबोधित करते हुए धर्मेन्द्र यादव ने कहा कि आज पूरे देश व प्रदेश का किसान केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकारों से बुरी तरह से त्रस्त है, पिछले कई महीनों से दिल्ली की सीमा पर इस ठंड के मौसम में सड़कों पर किसान केंद्र सरकार के काले कानून के विरोध में धरना दे रहे हैं परंतु, इस गूंगी-बहरी सरकार का दिल नहीं पसी रहा है, देश के प्रधानमंत्री इन काले कानूनों के सहारे किसानों की जमीन चंद उद्योगपतियों के हाथ में दे देना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में जब-जब समाजवादी पार्टी की सरकार रही किसानों के लिये बिजली, पानी मुफ्त किया गया, खाद व यूरिया के लिये किसानों को लाठी नहीं खानी पड़ी, किसानों की लिये पेंशन का प्रावधान किया गया। आज इस जनविरोधी सरकार ने सारे फैसले देश व प्रदेश की आम जनता के विरोध में लाकर भाजपा के नेताओं ने भोली-भाली जनता के साथ विश्वाशघात किया है। किसानों के लिये बिजली की कीमत दुगुनी से भी अधिक कर दी गयी हैं, खाद व यूरिया के लिये लाठी खानी पड़ रही हैं।
गन्ने का करोड़ों रुपया अभी तक बकाया है, इस काले कानून के जरिये किसान की फसल की वाजिब कीमत नहीं देने का षड्यंत्र किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि किसानों की इस लड़ाई में समाजवादी पार्टी पूरी तरह से किसानों के साथ है व उनके कंधे से कंधा मिलाकर सड़कों पर संघर्ष कर रही है और तब तक करती रहेगी जब तक देश व प्रदेश के किसानों की मांगें नहीं मानी जाती, इन काले कानूनों को वापस नहीं लिया जाता।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में किसान, छात्र, नौजवान, अल्पसंख्यक, दलित, व्यापारी सहित समाज का हर वर्ग इन सरकारों से परेशान हो चुका है, आने वाले समय में जनता सबक सिखा कर ही दम लेगी। इस मौके पर सपा जिलाध्यक्ष प्रेमपाल सिंह यादव, पूर्व विधायक आशुतोष मौर्य, फखरे अहमद शोबी, यासीन गद्दी, किशनपाल सिंह, गुड्डू गाज़ी, राकेश प्रजापति, मनोहर सिंह यादव, महेंद्र प्रताप, शाहनवाज खान, रामवीर सिंह, स्वाले चौधरी, राजू यादव, बलबीर सिंह, ओमवीर सिंह, राहुल पटेल, अतुल पटेल, मोहित पटेल, हारून खाँ, राहिल, आमिर सुल्तानी, रंजीत यादव, दिगम्बर सिंह, निहाल मौर्य, सोमेश प्रताप सिंह, अवधेश यादव, विपिन यादव, रहीस अहमद, शामे अली, रवेंद्र शाक्य और प्रभात अग्रवाल सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
सहसवान विधान सभा क्षेत्र के गाँव खंडुआ में युवाओं के लोकप्रिय नेता व डीसीबी के पूर्व चेयरमैन ब्रजेश यादव ने क्रांतिकारी भाषण देकर किसानों में जोश भर दिया, उन्होंने कहा कि वे किसान परिवार से हैं, इसलिए वे किसानों की पीड़ा को बेहतर ढंग से महसूस करते हैं लेकिन, जो लोग राजशाही परिवारों से आते हैं, व्यापारियों की कठपुतली बने हुए हैं, वे चाह कर भी किसानों की पीड़ा नहीं समझ सकते। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की नीतियों और भ्रष्टाचार से किसान त्रस्त हैं, उनकी कहीं कोई सुनने वाला तक नहीं है, गन्ने का मूल्य नहीं मिल रहा, धान खरीद में समर्थन मूल्य नहीं मिला, अब काले कानून बना कर भाजपा सरकार किसानों को अडानी-अंबानी के यहाँ गिरवी रखने का प्रयास कर रही है, उन्होंने कहा कि उनकी अपनी सपा सरकार आने पर किसानों को हर वो सहूलियत दी जायेगी, जिसके वे हकदार हैं, इस दौरान प्रमोद कुमार, अजय गुप्ता, करतार सिंह, राजेन्द्र उपाध्याय, नरोत्तम सिंह, मुकुल गुप्ता, जॉनी गुप्ता, ओमेन्द्र और गिरन्द्र सिंह सहित तमाम लोग रहे।
उधर गाँव रसूलपुर में सपाई दो गुटों में बंटे नजर आये, यहाँ हाथों में तख्तियां लेकर कुछ सपाइयों ने सपा जिलाध्यक्ष प्रेमपाल सिंह यादव के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की लेकिन, अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के जिंदाबाद के नारे लगाये, जिससे आयोजकों की जमकर फजीहत हो गई। सपाइयों का इस तरह विरोध प्रदर्शन करना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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