बदायूं जिले में समाजवादी पार्टी के अंदर गुटबंदी को एक बार फिर हवा दी जा रही है। अंदर का आक्रोश और ईर्ष्या खुल कर बाहर आने लगी है। सपा के निवर्तमान नगर अध्यक्ष तनवीर हसन खां की टिप्पणी चर्चा का विषय बनी हुई है।
बदायूं शहर में समाजवादी पार्टी के तनवीर हसन खां नगर अध्यक्ष थे, जिन्हें हाल ही में हटाया गया है, उनकी जगह मुख्यतार बाबा को नगर अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। माना जाता है कि तनवीर हसन खां को हटवाने और मुख्त्यार बाबा को नगर अध्यक्ष बनवाने में पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा की भूमिका है लेकिन, इस निर्णय पर सपाइयों ने मौन धारण कर लिया था। चूंकि सांसद धर्मेन्द्र यादव की सहमति से निर्णय हुआ था, जिससे किसी ने खुल कर प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की थी।
गुरूवार को डॉ. मौलाना यासीन अली उस्मानी को समाजवादी अल्पसंख्यक सभा का राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत करने की घोषणा हुई थी, जिसके बाद सपा के निवर्तमान अध्यक्ष तनवीर हसन खां ने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर की है, जिसमें लिखा है कि “सौ सुनार की, एक लुहार की, बस एक ही काफी है घंमड का सिर नीचा करने को”, इस पोस्ट को पढ़ने वाले तरह-तरह की बातें करते नजर आ रहे हैं।
पोस्ट का मतलब सब समझ रहे हैं लेकिन, अधिकांश लोग ना-समझ बनने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग उल्टा सवाल कर रहे हैं कि कौन है सुनार, कौन है लुहार और किसका सिर नीचा हुआ?
(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं, साथ ही वीडियो देखने के लिए गौतम संदेश चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं)