बदायूं जिले में समाजवादी पार्टी के हालात सुधर नहीं पा रहे हैं। गुटबंदी, मनमानी और अनुशासनहीनता चरम पर नजर आ रही है। जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने वाले जिला सचिव ने मनमानी का आरोप लगाते हुए त्याग पत्र दे दिया है, जिससे समाजवादी पार्टी की एक बार फिर जमकर फजीहत हो रही है। त्याग पत्र की घटना जिले भर में चर्चा का विषय बनी हुई है।
समाजवादी पार्टी के जिला सचिव आर्येन्द्र यादव हुसैनपुर करौतिया वार्ड नंबर- 5 से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने हेतु प्रचार कर रहे हैं। आर्येन्द्र यादव का कहना है कि वार्ड नंबर- 5 से चुनाव लड़ने वाले वे एक मात्र यादव प्रत्याशी हैं, जिससे चुनाव जीतने की स्थिति में हैं लेकिन, आरोप है कि जिलाध्यक्ष प्रेमपाल सिंह यादव चुनाव न लड़ने का दबाव बना रहे हैं, वे ऐसे व्यक्ति को प्रत्याशी बनाना चाहते हैं, जो वार्ड नंबर- 5 क्षेत्र का रहने वाला भी नहीं है।
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रेमपाल सिंह यादव द्वारा बनाये जा रहे दबाव के चलते आर्येन्द्र यादव ने जिला सचिव पद से त्याग पत्र दे दिया है। त्याग पत्र सोशल साइट्स पर वायरल हो गया है, जिससे समाजवादी पार्टी की जिले भर में जमकर फजीहत हो रही है। बता दें कि बनवारी सिंह यादव के निधन के बाद समाजवादी पार्टी कई गुटों में बंट गई है। हाल-फिलहाल पार्टी पर एक गुट भारी बताया जाता है, जो कुछ भी करने और कराने में सफल हो जाता है, इसी गुटबंदी के चलते समर्पित कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को लगातार किनारे किया जा रहा है।
पूर्व विधायक प्रेमपाल सिंह यादव को जिलाध्यक्ष बनाया गया तो, उस समय ही चर्चा थी कि वे पार्टी संभाल नहीं पायेंगे। प्रेमपाल सिंह यादव का विरोध न हो, इसलिए पार्टी के संविधान को किनारे कर विशाल कार्यकारिणी बनाई गई, इसके बावजूद हालात सुधर नहीं पा रहे हैं। जिला सचिव आर्येन्द्र यादव के त्याग पत्र ने एक बार फिर अंदरूनी कलह को सार्वजनिक कर दिया है, जिसका पार्टी पर दुष्प्रभाव पड़ना स्वभाविक ही है।
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