बदायूं लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी धर्मेन्द्र यादव ने बुधवार को जो तीर मारे थे, उसके परिणाम गुरूवार को सामने आये। अधिकाँश निकटस्थ मुस्लिम नेता और पदाधिकारी किनारा कर गये। प्रचार अभियान में शामिल पदाधिकारियों और नेताओं ने गाड़ियाँ वापस कर दीं, जिससे धर्मेन्द्र यादव अलग-थलग पड़ते नजर आ रहे हैं।
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धर्मेन्द्र यादव स्वयं में एक ब्रांड बन चुके हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद विरोधी उनकी छवि खराब नहीं कर पा रहे थे। जो काम विरोधी नहीं कर पा रहे थे, वह काम धर्मेन्द्र यादव ने स्वयं ही कर लिया। कद्दावर नेता आबिद रजा के आवास पर जाने से अधिकांश मुस्लिम नेता और पदाधिकारी नाराज नजर आ रहे हैं, कईयों ने मोर्चा तक खोल दिया है और खुलेआम सोशल साइट्स पर विरोध जताते नजर आ रहे हैं। उम्रदराज और गंभीर नेताओं ने सार्वजिक रूप से विरोध तो नहीं जताया है लेकिन, सूत्रों का कहना है कि गुरूवार को नेता और पदाधिकारी प्रचार करने नहीं गये। बड़े पदाधिकारियों और नेताओं को धर्मेन्द्र यादव ने चुनाव प्रचार करने के लिए गाड़ियाँ उपलब्ध कराई थीं, जो आज शांत खड़ी रहीं।
सूत्रों का कहना है कि एक बड़े नेता के आवास पर नाराज लोग बैठक कर रहे हैं, जो अगली रणनीति तय करेंगे, सभी सामूहिक रूप से त्याग पत्र देकर कांग्रेस में भी जा सकते हैं, जिससे समाजवादी पार्टी में हड़कंप मचा हुआ है, सभी की नजरें बैठक के परिणामों पर टिकी हुई हैं।
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उधर सहसवान में अगले चुनाव में समाजवादी पार्टी से पालिकाध्यक्ष के पद के कई दावेदार थे, जो पालिकाध्यक्ष बाबर मियां के धर्मेन्द्र यादव के साथ आने से नाराज हो गये हैं। सहसवान के भी पदाधिकारी और नेता मायूस नजर आ रहे हैं, उन्होंने भी प्रचार से दूरी बना ली है। एक ही दिन में धर्मेन्द्र यादव की हवा निकल गई है, जिससे समाजवादी पार्टी में मातम सा माहौल नजर आ रहा है।
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