बदायूं में स्थित यूनियन क्लब में प्रान्तीय आह्वान पर प्रदेश सरकार के विरोध में समाजवादी पार्टी द्वारा क्रान्ति दिवस के रूप में धरना प्रदर्शन किया गया। धरने में लोकसभा चुनाव हारने की टीस ही हावी रही। कमियां स्वीकारने की जगह अप्रत्यक्ष रूप से औरों को ही हारने का कारण बताया जाता रहा। प्रदर्शन में आम जनता ने भागीदारी नहीं की। शुक्रवार का दिन होने के कारण मुस्लिमों की संख्या भी अपेक्षा से कम रही। हालाँकि मुख्य अतिथि धर्मेन्द्र यादव ने हार को भूल कर नये सिरे से जनसेवा में जुट जाने का आह्वान किया।
धर्मेन्द्र यादव ने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव में जीत के बाद भाजपा द्वारा सत्ता के नशे में जनता पर अत्याचार किये जा रहे हैं। लूट, अपहरण, डकैती, बलात्कार, गुण्डा टैक्स जैसे जघन्य अपराध शासन-प्रशासन के संरक्षण में अपराधियों द्वारा किये जा रहे हैं। प्रदेश के किसानों, नौजवानों, अल्पसंख्यकों, बेरोजगारों व दलितों के अधिकारो की अनदेखी करते हुये भाजपा नेता अपना राजनैतिक एजेण्डा पूरा करने में लग गये हैं।
उन्होंने कहा कि आम जनता का ईवीएम से भरोसा उठ गया है, निष्पक्ष चुनाव के लिए बैलेट पेपर की बहाली तुरन्त आवश्यक है। डीजल, पेट्रोल, बिजली की दरें आसमान छू रहे हैं। छटनी कर बेरोजगारी को बढ़ावा दिया जा रहा है। हाईस्कूल व इण्टर के परीक्षा शुल्क में 200 प्रतिशत तक की वृद्धि की गयी है, हमारी मांग है इस वृद्धि को तत्काल समाप्त किया जाये। अब तक प्रदेश में सरकारी संरक्षण में लाखों गायों की मौत हो चुकी है, एक जाति विशेष के लोगों को निशाना बनाकर उन पर फर्जी मुकदमे लगाये जाये रहे हैं तथा फर्जी एकाउण्टर किये जा रहे हैं, इस धरने के माध्यम से 26 बिंदुओं पर समाजवादी पार्टी मांग करती है कि उनका तत्काल निस्तारण किया जाये, वे उन्नाव कांड पर भी जमकर बरसे।
अध्यक्षता करते हुये आशीष यादव ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश में जब से भाजपा की सरकारें पदारूढ़ हुई हैं, बदायूं समेत पूरे प्रदेश का विकास रूक गया है। किसान, बिजली, खाद, पानी के अभाव में बुरी तरह से त्रस्त है। गन्ने का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। मंदी व जीएसटी के कारण व्यापारी परेशान है। जनपद में लूट, डकैती, बलात्कार जैसे अपराध भाजपा नेताओं के संरक्षण में खुले आम हो रहे हैं। यदि शीघ्र ही यह सब बंद नहीं हुआ तो, हम सभी समाजवादी सड़क पर उतकर संघर्ष करने के लिए बाध्य होंगे।
इस अवसर पर समाजवादी अल्पसंख्यक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना यासीन उस्मानी, पूर्व राज्यमंत्री व विधायक ओमकार सिंह यादव, प्रेमपाल सिंह यादव, नरेश प्रताप सिंह, आशुतोष मौर्य, डीसीबी के पूर्व चेयरमैन ब्रजेश यादव, मधु सक्सेना, सलीम अहमद, एम. फिरोज ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
धरना प्रदर्शन में स्वाले चौधरी, आमिर सुल्तानी, राजू यादव, ओमवीर सिंह, नवाव सिंह, अशोक यादव, किशोरी लाल शाक्य, खलीम भाई, सुरेश पाल सिंह तोमर, दुर्वेश यादव, देवेन्द्र यादव, अवनीश यादव, बलवीर सिंह यादव, ठा. अम्बुज सिंह, महेन्द्र प्रताप सिंह, निहाल मौर्य, रामवीर सिंह, रामेश्वर शाक्य, भैरों प्रसाद शाक्य, प्रदीप गुप्ता, जितेन्द्र यादव, मोहर सिंह पाल, रविन्द्र शाक्य, मनोहर सिंह, विजेन्द्र यादव, सुनील कुमार विल्ला, अशोक गुप्ता, चरन सिंह, खिशाल उद्दीन, राहुल यादव, सुरेन्द्र सिंह यादव, शोएव नकवी, तनवीर हसन खां, हृदेश यादव, सतीश यादव, भानू प्रकाश, वीरेन्द्र जाटव, फहीम उद्दीन, नरोत्तम यादव, विमल शर्मा, सुभाष यादव, प्रेमपाल सिंह यादव, मो. मियां, मोतशाम सिद्दीकी, हीरालाल वर्मा, शर्मिला रानी, राखी जौहरी, इमराना, शाहिदा, शंजीदा, मंगद सिंह, सगीर अहमद, ध्रुव यादव, अनिल सिंह, वीपी यादव, राहुल गुप्ता, गुड्डू गाजी, ब्रहमपाल, त्यागी सिंह राजपूत, नीरज राजपूत, मोद प्रकाश पाल और प्रभात अग्रवाल सहित तमाम कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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