बदायूं जिले की पुलिस आम जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा की चिंता करने की जगह स्वाभिमान से खेलती नजर आ रही है। असामाजिक तत्वों पर शिकंजा कसने की जगह आम जनता का शोषण कर रही है, जिससे हजारों लोग तंग आ चुके हैं। शासनादेश और अफसरों के निर्देशों का दुरूपयोग करने वाले पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई होना अति आवश्यक है ताकि, आम जनता के बीच पुलिस की छवि खराब न हो।
सदर कोतवाली क्षेत्र में लालपुल पुलिस चौकी हाइवे पर है, यहाँ से उझानी और बिल्सी दिशा से निकलने वालों को गुजरना पड़ता है। लालपुल चौकी पर तैनात स्टाफ दोपहिया वाहन चालकों का खुलेआम शोषण करता दिख रहा है, जबकि दलाल साथ में कुर्सी डाल कर बैठे रहते हैं और पुलिस कर्मियों से गप्पे मारते रहते हैं, पुलिस वालों के साथ बैठे दलाल मास्क तक नहीं लगाते, जबकि पुलिस वाहन चालकों का मास्क न लगाने को लेकर चालान करती रहती है, इस चौकी पर तैनात सिपाहियों के दलालों से गहरे संबंध बताये जाते हैं, जिनके सामने आम जनता को सिपाही अपमानित करते हैं। कोई निरर्थक की जा रही अभद्रता को लेकर सवाल कर दे तो, सिपाही जेल भेजने की धमकी देते हैं और खड़ा कर के मानसिक उत्पीड़न करते हैं।
इस तरह उघैती थाने में तैनात सब-इंस्पेक्टर देवेन्द्र सिंह जादौन की मनमानी से क्षेत्र के लोग तंग आ गये हैं, वे स्वयं यूनिफॉर्म तक नहीं पहनते, मास्क नहीं लगाते, साथ ही लाठी लेकर चेकिंग करने बैठते हैं, कोई निरर्थक परेशान करने पर सवाल कर दे तो, गाली देते हुए मारने को तत्पर हो जाते हैं। आम जनता के स्वाभिमान से लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है, जबकि शासन की मंशा है कि आम जनता को कोरोना वायरस से बचाने में सहयोग किया जाये, उसकी रक्षा-सुरक्षा की जाये, यही आशय अफसरों का है लेकिन, जमीनी स्तर पर सब-इंस्पेक्टर और सिपाही आम जनता का लगातार उत्पीड़न करते नजर आ रहे हैं।
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