बदायूं शहर में क्षेत्राधिकारी के दायित्व से सेवानिवृत्त होने वाले वीरेंद्र सिंह यादव भगवा धारण करने को आतुर बताये जा रहे हैं। भाजपा के शक्तिशाली नेताओं से लगातार संपर्क कर रहे हैं, साथ ही भाजपा की सदस्यता दिलाने का आग्रह कर रहे हैं। भाजपा नेता चुनावी दृष्टि से हानि और लाभ का आंकलन करने में जुटे हुए हैं।
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सीओ सिटी के रूप में वीरेंद्र सिंह यादव ने ऐसी-ऐसी हरकतें की हैं, जिन्हें लंबे समय तक नहीं भुलाया जा सकता। फरियादी शिकायत करने आते थे, उनमें आरोपी धनाढ्य व्यक्ति होता था तो, शिकायत कार्रवाई के लिए संबंधित थाने को भेजने की जगह स्वयं ही जाँच कर लेते थे, उनका यह नया ट्रेंड देखने वाले आज तक स्तब्ध हैं।
मूसाझाग थाना क्षेत्र में अवैध खनन का प्रकरण बेहद चर्चा में रहा था। तत्कालीन थाना प्रभारी तेजतर्रार राकेश सिंह ने खनन माफिया और उसके आका को हड़का दिया था, जिसका ऑडियो गौतम सन्देश ने ही प्रकाशित किया था। सीओ रहते समय ही वीरेन्द्र सिंह यादव की राजनैतिक इच्छायें सार्वजनिक हो गई थीं, जिससे उनका निजी स्टाफ भी उनके पीछे एमपी साहब कह कर मजाक उड़ाने लगा था। पुलिस ऑफिस और पत्रकारों के बीच उन्हें आज भी एमपी साहब कह कर ही संबोधित किया जाता है।
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भाजपा द्वारा हाशिये पर डाल दिए गये एक बदनाम नेता से मित्रता भी चर्चित है। कहा जाता है कि शराब पीने के बाद बदनाम नेता ने ही सीओ साहब को एमपी बनने का सपना दिखाया था। बदनाम नेता का ऐसा रंग चढ़ा कि सीओ साहब यूनिफॉर्म उतारे बिना ही एमपी बनने की अनुभूति करने लगे थे। सेवानिवृत्त होने के बाद भी नशा उतरा नहीं है तभी, सरकारी आवास नहीं छोड़ा है, इसीलिए भाजपा नेताओं की लगातार परिक्रमा कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि भाजपा में शामिल तो किये जा सकते हैं, उससे आगे की सोचना सिर्फ कल्पना ही है।
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