बदायूं जिले में अफरा-तफरी का माहौल नजर आ रहा है। कोई कर्मचारी और कोई अफसर आम जनता की सुनने तक को तैयार नहीं दिख रहा। प्रशासनिक लापरवाही के चलते लोग काल के गाल में समाते जा रहे हैं। घटना के बाद मृतक के परिजनों को आश्वासन की घुट्टी पिला कर शांत करा दिया जाता है लेकिन, समस्याओं का स्थाई समाधान नहीं किया जाता और न ही दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाती है।
उघैती थाना क्षेत्र के गाँव मेवली में 440 वोल्टेज की बिजली की लाइन लंबे समय से जमीन से छूती हुई गुजर रही है। लाइन सही कराने को लेकर ग्रामीण बिजली विभाग के अफसरों से लगातार मिलते रहे हैं और लिखित में भी शिकायतें करते रहे हैं, इस बीच लोगों और कई जानवरों की जान बिजली की लाइन से चिपक कर जाती रही है लेकिन, विभागीय अफसरों पर कोई असर नहीं हुआ।
बताते हैं कि रविवार को भगवान सिंह (35) पुत्र वेदराम चारा लेने खेत में गया था तभी, वह लाइन से चिपक गया और उसकी मौके पर ही मौत गई। ग्रामीणों को बाद में पता चला तो, ग्रामीण आक्रोशित हो उठे। शव ट्रैक्टर-ट्रॉली में रख भीड़ उघैती स्थित बिजली घर पर ले आई और रोड जाम कर दिया। भीड़ के आने की भनक बिजली विभाग के कर्मचारियों को लग गई, जिससे वे पहले ही भाग गये थे।
रोड जाम करने की सूचना पुलिस को मिली तो, हड़कंप मच गया। बिल्सी से तहसीलदार और सीओ मौके पर पहुंच गये, दोनों ने मिल कर भीड़ को शांत किया और जाम खुलवाया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है लेकिन, इस तरह की घटनाओं में गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर दोषियों को तत्काल गिरफ्तार करना चाहिए, ताकि लापरवाही के चलते किसी और बेकसूर की जान न जा सके। बता दें कि पिछले तीन महीनों में बिजली विभाग के कर्मचारियों और अफसरों की लापरवाही के चलते जिले भर में कई मौतें हो चुकी हैं।
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