बदायूं जिले में कुछ भी हो जाये पर, किसी के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होती, इसीलिए पुलिस लापरवाह बनी हुई है। बड़ी वारदात होने के बाद आईजी तक घटना स्थल पर आ जाते हैं पर, कार्रवाई वे भी नहीं करते, जबकि आम जनता में यह विश्वास रहता है कि बड़े अफसर घटना स्थल का मुआयना कर लें तो, किसी न किसी पर कार्रवाई जरुर करते हैं लेकिन, बदायूं की जनता का विश्वास हर बार टूट जाता है।
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उल्लेखनीय है कि उघैती क्षेत्र में चोर वर्षों से तांडव कर रहे हैं। बीती रात करीब ढाई बजे उघैती में चोरों ने थाने के आस-पास ही चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया। ताले तोड़ कर चोरी की वारदातें करने के बाद बेखौफ चोर लौट रहे थे तभी, थाने से करीब हजार मीटर दूर पेट्रोल पंप के पास पीसी चन्द्रपाल और होमगार्ड छत्रपाल गश्त कर रहे थे, जिनके टोकने पर किसी एक चोर ने छत्रपाल को गोली मार दी। गंभीर रूप से घायल छत्रपाल ने जिला अस्पताल लाते समय दम तोड़ दिया।
घटना की सूचना पहुंचते ही लखनऊ तक हड़कंप मच गया। आईजी रेंज डीके ठाकुर ने आकर घटना स्थल का मुआयना किया और फिर लौट गये पर, किसी के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस का मानना है कि पुलिस अपना काम सही कर रही है और चोर अपना काम सही कर रहे हैं, सो गलती किसी की नहीं है।
यह भी बता दें कि उघैती थाना क्षेत्र के गाँव सदर उद्दीन नगला में 7-8 जनवरी 2018 की रात में करीब 12 बजे पशु चोर घुस गये थे, चोरों की आहट से परिजन जाग गये थे, तो दो भाईयों ने दो चोरों को दबोच लिया था, जिसके बाद दूर खड़े तीसरे चोर ने गोली मार दी थी। गोली लगने से जोगेंद्र की मौत हो गई थी और दूसरा भाई सर्वेश घायल हो गया था, इस घटना के बाद उस समय के आईजी एसके भगत ने घटना स्थल का निरीक्षण किया था पर, लापरवाह एसओ के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की थी, जिसका दुष्परिणाम क्षेत्र की जनता आज तक भुगत रही है।
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उघैती क्षेत्र में चोरों की गतिविधियाँ घटने की जगह निरंतर बढ़ रही हैं। पिछले दिनों पुलिस पर फायरिंग कर चोर फरार हो गये थे, जिसके बाद पुलिस ने मुठभेड़ होने का दावा करते हुए कुछ चोरों को जेल भेजा था। स्पष्ट है कि वास्तविक चोर पुलिस की पकड़ से दूर हैं तभी, वारदातें नहीं थम पा रही हैं। जिले भर में चोरी की सर्वाधिक वारदातें उघैती क्षेत्र में ही होती हैं, ऐसे में पुलिस को विशेष अभियान चला कर क्षेत्र को चोरों से मुक्त करने की दिशा में कार्य करना चाहिए।
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जोगेंद्र मारा गया, अब होमगार्ड छत्रपाल को मौत के घाट उतार दिया गया, इसी तरह भविष्य में कोई और मारा जायेगा, ऐसे ही चोर निशाना बनाते रहेंगे, क्योंकि पुलिस अफसर कार्रवाई नहीं करते। एक बार थानाध्यक्ष के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई कर दी जाये तो, निश्चित ही थाना पुलिस चोर और चोरी की वारदातों को लेकर गंभीर हो जायेगी।
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