बदायूं में पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आजम खान और उनके परिवार पर सत्ता का दुरुपयोग कर के जुल्म की सारी हदें पार कर दी हैं। उन्होंने शांति व्यवस्था होने के बावजूद सीतापुर जेल भेजे जाने पर भी सवाल उठाया।
आबिद रजा ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में आजम खान ने भाजपा को हराकर चुनाव जीता था, उस हार को भाजपा भुला नहीं पा रही है। आजम खान के सांसद बनते ही प्रदेश सरकार ने उन पर एक के बाद एक फर्जी मुकदमे लगाने की झड़ी लगा दी। 9 बार के विधायक, दो बार के सांसद, चार बार के कैबिनेट मंत्री क्या बकरी, भैंस चोरी करेंगे, यह बात जनता के गले कैसे उतर सकती है।
उन्होंने कहा कि क्या आजम खान का गुनाह सिर्फ यह है कि उन्होंने शिक्षा की तरक्की के लिए जौहर यूनिवर्सिटी बनाई, गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए सीबीएसई बोर्ड का रामपुर पब्लिक स्कूल बनाया, जहां पर बच्चों से सिर्फ 500 रुपया प्रति माह फीस ली जाती है और जिस बच्चे का पिता ही नहीं होता, उसकी 50% फीस माफ होती है तथा जिस बच्चे के मां-बाप दोनों ही नहीं होते, उस बच्चे की पूरी फीस माफ की जाती है। आजम खान ने किसी की जमीन पर कब्जा कर के कोई प्लॉटिंग नहीं की है और ना ही अपनी कोठी या, फैक्ट्री बनाई है।
प्रदेश सरकार ने बदले की भावना से न सिर्फ आजम खां पर फर्जी मुकदमे लगाए बल्कि, उनके बेटे व उनकी पत्नी तंजीन फातिमा को भी नहीं छोड़ा, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा पर सरकार की कार्यवाही बेहद शर्मनाक है, किसी महिला को प्रताड़ित करना व जेल जाने के लिए मजबूर करना कोई मजहब नहीं सिखाता। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई व सभी मजहब महिलाओं की इज्जत करने की हिदायत देते हैं।
भाजपा के लोग शायद यह समझते हैं कि उनकी सरकार हमेशा रहेगी जबकि, सरकारी बदलती रहती हैं। जब 900 साल हुकूमत करने वाली कौम की सत्ता नहीं बची तब, 6 साल व 3 साल की सरकार के लोगों को भी गलत फहमी नहीं रहना चाहिए। देश व प्रदेश में आजादी के बाद अलग-अलग पार्टियों की सरकार रही लेकिन, आज तक किसी पार्टी की सरकार ने इतनी बदले की भावना से कभी काम नहीं किया।
मौजूदा सरकार में कानून नाम की कोई चीज नहीं बची, जनता की आवाज को डर दिखाकर दबाया जा रहा है, जमकर सत्ता का दुरुपयोग कर के कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। 2 वर्ष पहले हमारे रिसॉर्ट को भूमि स्वामित्व, बैनामा होने के बावजूद बदले की भावना से तोड़ दिया गया था।
उन्होंने कहा कि आजम खान और उनके परिवार ने कानून का सम्मान करते हुए बुधवार को अदालत में आत्म समर्पण कर दिया, हमें संविधान पर और कानून पर भरोसा है। उम्मीद है कि कानून आजम खान व उनके परिवार के साथ इंसाफ करेगा, आजम खान व उनके परिवार के समर्पण के बावजूद जेल जाने पर भी सरकार को तसल्ली नहीं हुई, इसलिए सिर्फ आजम खां व उनके परिवार को परेशान करने की नीयत से रातों-रात सीतापुर जेल ट्रांसफर कर दिया गया, इस तरह से आजम खान व उनके परिवार पर प्रदेश सरकार ने जुल्म की इंतहा कर दी है।
उन्होंने कहा कि मैं और मेरे साथी आजम खान व उनके परिवार के साथ इस दुख की घड़ी में व संघर्ष की घड़ी में उनके साथ खड़े हैं। मैं राजनीति में सक्रिय लोगों, राजनैतिक रूप से जागरूक लोगों के साथ बुद्धिजीवियों को यह संदेश देना चाहता हूँ कि नेताओं के साथ सिर्फ अच्छे वक्त में ही नहीं खड़े रहना चाहिए बल्कि, जिस भी नेता के साथ अच्छे वक्त में जो लोग खड़े हों, उनको उस नेता की राजनैतिक संघर्ष के वक्त में भी साथ रहना चाहिए, इसलिए आजम खान व उनके परिवार के इस संघर्ष के समय में सबको खड़ा होना चाहिए।
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